इस बार भी रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया रहेगा। इस बार रक्षाबंधन श्रावणी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्रावणी व रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। उसमें भद्रा का साया न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक रक्षा सूत्र बंधन का कार्य भद्रा रहित शुभ मुहूर्त काल में ही होना चाहिए। भद्रा काल को अशुभ माना गया है। इस कारण से इस मुहुत काल में रक्षा बंधन का विधान निषेध बताया गया है। इस बार रक्षाबंधन पर 7 घंटे से अधिक समय तक भद्रा का साया रहेगा। साथ ही इस दौरान श्रावणी कर्म भी निषेध रहेगा।
इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 05. 53 से दोपहर 01. 32 तक भद्रा रहेगी। इस दौरान भद्रा का वास पाताल लोक में बताया गया है। कुछ ज्योतिष के मानने वालों का कहना है कि पाताल की भ्रदा का विशेष महत्व नहीं होता, इसकों नजरअंदाज भी किया जा सकता है। अर्थात यदि कोई भद्रा काल में रक्षा सूत्र बांधता या बंधवाता है तो कोई हानि नहीं है। यदि मुहुर्त के हिसाब से रक्षा सूत्र बंधवाया जाए जो विशेष फलदायी होता है। ज्योतिषाचार्य डा. प्रदीप जोशी के अनुसार रक्षा बंधन पर भद्रा काल अवश्य रहता है। केवल इसका समय आगे-पीछे रहता है। इस बार भद्रा पाताल लोक में होने के कारण पर्व को अधिक प्रभावित नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि भद्राकाल के बाद दोपहर में रक्षा सूत्र बांधना, बंधवाना उत्तम रहेगा।