Shakeel Badayuni Birth Anniversary: दिलीप कुमार और नरगिस स्टारर फिल्म ‘मेला’ का गाना ये जिंदगी के मेले, दुनिया में कम न होंगे अफसोस हम ना होंगे.. सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि फिलासफी है. इस गीत को महान गीतकार और शायर शकील बदायूंनी बड़ी आसान भाषा में कह गए. मोहब्बत की बात हो या प्रेमी-प्रेमिका के मिलने-बिछड़ने का गम, शकील बदायूंनी बहुत ही सहज और सादगी के अंदाज में ऐसे कई नगमे लिख गए, जिन्हें सदियों तक जमाना गुनगुनाता रहेगा. ऐसा माना जाता है और आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं कि उन्होंने अपने करियर में करीब 90 फिल्मों में गीत लिखे. यह संख्या बेशक कम हो, लेकिन कामयाबी के लिहाज से वह एक मुकम्मल गीतकार साबित हुए. उन्होंने करीब ढाई दशक के लंबे फिल्मी करियर में कई उम्दा गीत लिखे, जो आज भी हर उम्र के लोगों को पसंद आते हैं.
शकील अहमद से शकील बदायूंनी का सफर
3 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे शकील बदायूंनी का असल नाम शकील अहमद था. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही शायरी और अदब की दुनिया में नाम कमाने वाले शकील ने सरनेम की जगह ‘बदायूंनी’ लिखना शुरू कर दिया. वह मुशायरों में इसी नाम से बुलाए जाते. फिर जब शकील बदायूंनी की कलम की ताकत को जमाने ने सुना तो कई मशहूर संगीतकारों ने उन्हें परखना शुरू किया.