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सनातन धर्म में सोमवार का श्रावण में होता है विशेष महत्व…..

पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है।

सनातन धर्म में श्रावण इस मास का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त होता है। सावन सोमवार का व्रत करने और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस बार सावन के पहले सोमवार पर एक या दो नहीं बल्कि पांच अद्भुत योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं सावन के पहले सोमवार पर बन रहे शुभ योग के बारे में…
सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है और इसी दिन से सावन मास का आरंभ भी हो रहा है। इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार को हो रहा है। सावन मास का आरंभ 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से और समापन 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को होगा। इस बार सावन में पांच सोमवार का व्रत किया जाएगा, जो बेहद शुभ माने जाते हैं।

सावन के पहले सोमवार पर इस बार 5 अद्भुत योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहने से नवम पंचम योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने की वजह से शश योग बन रहा है। शश योग के साथ सभी कार्यों को सिद्ध करने वाला सर्वाद्ध सिद्ध योग भी सावन के पहले सोमवार को बन रहा है। इस पांच शुभ योग में भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करने से जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।

सावन सोमवार का महत्व
शिव पुराण के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्योदय होता है और भक्तों पर शिव कृपा भी बनी रहती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है। सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता और सभी दोष दूर होते हैं क्योंकि भगवान शिव सभी ग्रह-नक्षत्र और सृष्टि के स्वामी हैं, वह देवों के देव महादेव हैं। जो प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा अर्चना नहीं कर सकता, उसे सावन सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अवश्य करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। महादेव को आशुतोष भी कहा जाता है, आशुतोष का अर्थ है तुरंत खुश या प्रसन्न होने वाला। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि भगवान शिव सावन मास में धरती पर अपने ससुराल गए थे, जहां उनका भव्य स्वागत जलाभिषेक करके किया गया था। इसलिए इस मास में भक्त भक्ति में लीन रहते हैं, जिससे शिव कृपा प्राप्त की जा सके।

सावन सोमवार को शिव पूजन विधि

सावन सोमवार का व्रत ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक यानी दिन के तीसरे प्रहर सायंकाल तक रखा जाता है। सावन के पहले सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करके हाथ में अक्षत लेकर सावन सोमवार के व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पास के शिवालय में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, सुपारी, फल, फूल, भांग, धतूरा आदि पूजन सामग्री अर्पित करें और विधि विधान के साथ शिवलिंग की पूजा करें। सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो कथा सुनना अनिवार्य माना जाता है। कथा सुनने व कहने के बाद शिव मंत्रों का जप करें और आरती करें। इसके बाद प्रदोष काल में भी शिव पूजन अवश्य करें, शिव पूजन करने के बाद आप फलाहार कर सकते हैं। उपवास करने वालों को रात्रि के समय भूमि पर ही सोना चाहिए।

सावन सोमवार की तिथियां
22 जुलाई 2024- पहला सोमवार
29 जुलाई 2024-दूसरा सोमवार
5 अगस्त 2024- तीसरा सोमवार
12 अगस्त 2024- चौथा सोमवार
19 अगस्त 2024- पांचवा सोमवार

 

Bebak News Live

Written by Bebak News Live

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