UPSC Chairman : संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से मनोज सोनी (Manoj Soni) ने इस्तीफा दे दिया है. सोनी का कार्यकाल 2029 में खत्म होने वाला था, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल से पूरा होने से पहले करीब पांच वर्ष पहले अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. मनोज सिन्हा भले ही देश के सबसे बड़े आयोग के चेयरमैन रहे, लेकिन उनका जीवन संघर्ष भरा है जो युवाओं के लिए एक मिसाल पेश करता है. एक तरफ जहां उनका बचपन में ही पिता का साथ छूट गया और उन्हें सड़क पर अगरबत्ती बेचनी पड़ी. लेकिन पढ़ने की ललक ने उन्हें पीछे मूड़ने का कभी मौका नहीं दिया और वह अपने संघर्ष को साथ लेकर यूपीएससी के चेयरमैन की पद पर पहुंच गए.
ऐसा रहा मनोज सोनी का संघर्ष
मनोज सोनी का जन्म 17 फरवरी, 1965 को हुआ. 5 वर्ष की उम्र में उनके पिता की मौत होने के बाद उनका जीवन उथल-पुथल हो गया. वहीं, अपने परिवार का भरण-पोषण और पढ़ाई करने के लिए मुंबई के भुलेश्वर इलाके में पार्ट टाइम सड़कों पर अगरबत्ती बेचने का काम भी किया. इसके बाद 1991 और 2016 में सोनी ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय (SPU), वल्लभ विद्यानगर में इंटरनेशन रिलेशंस विषय का अध्यापन कराया. 2009 से 2015 तक डॉ. बीआर अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी में कुलपति का पद संभाला.