इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी के नेत्तृत्व वाली बीजेपी पार्टी को उम्मीद के मुताबिक ना तो शानदार सफलता मिली और ना ही सीटें।
400 पार का नारा देने वाले पीएम मोदी जी की पार्टी इस आंकड़े के करीब तक नहीं पहुंच पाई। बल्कि पार्टी को तो नितीश-च्रंदरबाबू के गठबंधन का सहारा लेकर देश में सरकार बनानी पड़ी।
वहीं, अब जो चर्चा है, उसके मुताबिक, पार्टी अपना सबसे अहम नारा भी बदलने वाली है। जी हां, मोदी जी शुरुआत से कहते आये हैं कि, वो सबका साथ सबका विकास में यकीन करते हैं और देश के लिए वो इसी रणनीति से काम भी करते हैं।
वहीं, अब लगता है कि, इस नारे से बीजेपी का भरोसा उठने लगा है। और, अब वो इस नारे को छोड़ कट्टर हिन्दुत्त्व की ओर रुख करने वाली है।
तो, क्या है ये पूरा मामला? आइए आपको हमारी इस रिपोर्ट में विस्तार से समझाते हैं।
दरअसल, ये चर्चा हाल के दिनों में बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से दिए गए बयान के बाद शुरू हुई है।
जानकारी के मुताबिक पार्टी के भीतर लोकसभा चुनाव के बाद इस प्रकार की चर्चा है कि मुस्लिम मतदाताओं ने एकमुश्त बीजेपी के खिलाफ वोट किया। ट्रिपल तलाक, सबके लिए आवास, उज्ज्वला योजना, फ्री राशन वाली योजनाओं के बाद भी बीजेपी को मुस्लिम वोट नहीं मिले।
तो, बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं का मानना है कि जब हम भेद नहीं करते फिर भी मुस्लिम बाहुल्य बूथ पर जब एक भी वोट नहीं मिलता तो कष्ट तो होता ही है।
वहीं, ये जगजाहिर है कि, लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार का नारा बीजेपी की ओर से लगाया गया लेकिन इस बार पार्टी अपने दम पर बहुमत से भी दूर रह गई।
ऐसे में, सवाल है कि क्या इन नतीजों के बाद भगवा दल हार्ड कोर हिंदुत्व की ओर लौट रही है?
बता दें कि,हाल ही में, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से कम समर्थन मिलने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’.. की जरूरत नहीं है। मैंने राष्ट्रवादी मुस्लिमों के लिए भी बात की है। हम सभी सबका साथ, सबका विकास की बात किया करते हैं लेकिन आगे से अब मैं यह नहीं कहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि इसके बजाय यह हम उनके साथ जो हमारे साथ होना चाहिए…अल्पसंख्यक मोर्चा की कोई जरूरत नहीं है।
जब इस बयान के तार नारे को भूलने से जोड़े जाने लगे तो, बाद में सुवेंदु अधिकारी ने ये भी कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया।
जहां इन सभी बातों ने सुर्खियां बटोरी हुई हैं..तो, दूसरी तरफ बीजेपी पार्टी में जमकर उथल-पुथल मची हुई है।
आखिर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद भी यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बगावती तेवर बरकरार जो हैं।
दरअसल, नड्डा से मिलने के 15 घंटे बाद मौर्य ने फिर से X पर लिखा संगठन सरकार से बड़ा होता है।
वहीं, बीजेपी की अंतर्कलह पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा। और लिखा भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।
खबरें हैं कि, केशव मौर्य और सीएम योगी के बीच तलवारें खिंची हैं। ऐसी बातें कही जा रही है कि, योगी सरकार में अफसरशाही हावी है, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा। इसी को लेकर केशव सीएम योगी के खिलाफ हमलावर नजर आ रहे हैं।