Manipur में Rahul Gandhi ने की हिंसा पीड़ितों से मुलाकात
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर के दौरे पर पहुंचे। मणिपुर में हुई अशांति के बाद का राहुल का ये तीसरा दौरा है।
तो, राहुल ने दोपहर 3 बजे के करीब मणिपुर के चुराचांदपुर में मंडप तुईबोंग रिलीफ कैंप में मणिपुर हिंसा के पीड़ितों के मुलाकात की। इससे पहले राहुल दोपहर 12 बजे जिरिबाम पहुंचे थे। यहां हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में मौजूद लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने चुराचांदपुर में रिलीफ कैंप का दौरा किया और वहां रहकर जीवन गुजार रहे लोगों से बातचीत की। राहुल गांधी ने इस दौरान कुकी और मैतेयी दोनों ही समुदायों के पीड़ितों से बात की और उनका हाल जाना।
राहुल सोमवार को असम और मणिपुर के दौरे पर थे। सोमवार सुबह 10 बजे पहले वो असम के सिलचर पहुंचे थे। उन्होंने फुलेरताल के थलाई इन यूथ केयर सेंटर में राहत शिविर का दौरा किया। यह इलाका हिंसा प्रभावित मणिपुर से लगा हुआ है।
दूसरी ओर, राहुल की बहन और वायनाड से सांसद प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा के लिए x पर पोस्ट करके जानकारी दी। उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा कि- ‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज मणिपुर में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना और हिम्मत दी। मणिपुर एक साल से ज्यादा समय से हिंसाग्रस्त है।
यहां आपको ये बता दें कि, राहुल के मणिपुर आने से पहले रात 3:30 बजे जिरिबाम के फिटोल गांव में उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों के कैस्पिर वैन (एंटी लैंड माइन वैन) पर फायरिंग की थी। इसमें एक फायर ब्रिगेड को भी निशाना बनाया गया था। सुरक्षाबलों ने सर्चिंग के बाद 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, तय कार्यक्रम के मुताबिक, राहुल गांधी सोमवार को रायबरेली पहुंचने वाले थे, लेकिन ये कार्यक्रम निरस्त हो गया है। अब वह मंगलवार की सुबह यहां पहुंचेंगे।
गौरतलब है कि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 5 जुलाई को हाथरस हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की थी। इस दौरान, परिजन उनके गले से लिपटकर रोए। राहुल ने सिर पर हाथ रखकर सांत्वना दी। हाथरस हादसे में मां को खोने वाली वाली एक बच्ची फफक-फफक कर रोने लगी तो राहुल से उसे संभाला और गले लगाया। इस दौरान राहुल जमीन पर बैठकर पीड़ित परिवार से बातचीत करते नजर आए। कहा- बिल्कुल टेंशन न लो, हम आपके साथ हैं। आप सभी मेरा परिवार हैं। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।