UK Elections
यूनाइटेड किंगडम के आम चुनाव में कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज कर ली है। स्टार्मर ने आम चुनाव में ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को हराया है। भारतीय मूल के प्रधानमंत्री सुनक ने अपनी हार स्वीकार कर ली है जिसके बाद अब स्टार्मर ने ब्रिटेन के पीएम की गद्दी संभाली है। जिससे ब्रिटेन आम चुनाव में लेबर पार्टी 14 साल बाद एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने शुक्रवार को मतदाताओं का शुक्रिया भी अदा किया।
बता दें कि,ब्रिटेन में 650 संसदीय क्षेत्र हैं जिनमें से 641 सीटों के नतीजे आ गए हैं। 410 सीटों पर लेबर पार्टी को जीत मिली है जबकि ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी महज 119 सीटें ही जीत पाई।
तो, एग्जिट पोल्स में भी लेबर पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिलने का अनुमान जताया गया था। वहीं, सुनक के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी को करारी हार मिलने का अनुमान जताया गया था।
ये भी पढ़ें-https://bebaknewslive.com/2024/07/05/congress-rahul-gandh/
61 वर्षीय कीर स्टार्मर की बात करें तो, उनका जन्म लंदन के ऑक्सटेड शहर में हुआ था। उनके पिता टूलमेकर थे और मां एनएचएस नर्स थीं। 2015 में कीर के पहली बार सांसद बनने के कुछ दिनों के बाद ही उनकी मां का निधन हो गया।
स्टार्मर सरे के एक छोटे शहर में पले-बढ़े। कीर के दो बच्चे हैं। उनकी पत्नी विक्टोरिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) की कर्मचारी हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वो लेबर पार्टी की अगुआई वाली सरकार में लोक अभियोजन निदेशक (डीपीपी) भी रह चुके हैं।
कीर के पीएम बनने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अब ब्रिटेन और भारत की विदेश नीति में क्या बदलाव आएंगे? क्योंकि, भारत और ब्रिटेन के रिश्ते हमेशा से ही लगभग स्थिर रहे हैं और ऋषि सुनक के कार्यकाल के दौरान भी रिश्ते सही रहे.
तो, कुछ दिनों पहले कीर ने कहा था- “मेरी लेबर सरकार भारत के साथ लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध स्थापित करेगी। इसमें एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल होगा। हम दोनों देशों के बीच वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी चाहते हैं।
वहीं, उनकी विदेश नीति, कंजर्वेटिव पार्टी से थोड़ी अलग हो सकती है। इजरायल -गाजा युद्ध में ब्रिटेन का स्टैंड थोड़ा अलग दिख सकता है। लेबर पार्टी इजरायल में हथियारों की बिक्री रोकने की योजना बना रही है। वहीं, लेबर पार्टी फलिस्तीनी देश को मान्यता देने की वकालत करते आई है।
बता दें कि, भारत और ब्रिटेन के बीच पिछले दो सालों से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत चल रही है।
विडियों देखे-