Indian Army : लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को थलसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह ऐसे समय में इस पद को संभाल रहे हैं जब सेना संरचनात्मक सुधारों और आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है। एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से नौसेना के प्रमुख हैं।
भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो सहपाठी एक साथ नौसेना और थलसेना की कमान संभालने जा रहे हैं। आपको बता दें कि, सरकार ने 30 जून, 2024 की दोपहर से लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया। 1 जुलाई, 1964 को जन्मे द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है। उन्हें पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैन्य गतिरोध में चल रहे अभियानों का लंबा अनुभव रहा है।
40 साल तक महत्वपूर्ण पदों पर का काम
अपनी लगभग 40 साल की लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने कई कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में कार्य किया है। उनकी कमांडर के रूप में नियुक्तियों में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स बटालियन, 26 सेक्टर असम राइफल्स ब्रिगेड, असम राइफल्स (पूर्व) के महानिरीक्षक और 9 कोर शामिल हैं। लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर उन्होंने महानिदेशक इन्फैंट्री सहित महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया है।
सैनिक स्कूल रीवा से ली शिक्षा
जानकारी के मुताबिक, सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज, और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे। इसके साथ ही उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी पढ़ाई की है। इसके अलावा, उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, यूएसए में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो’ का सम्मान प्राप्त हुआ है। उनके पास रक्षा और प्रबंधन में एमफिल के साथ-साथ सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्रियाँ हैं।
थल सेना के 30वें प्रमुख लेफ्टिनेंट बने द्विवेदी
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और एडमिरल त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा में पिछली सदी के सत्तर के दशक में पांचवीं कक्षा में सहपाठी थे। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। स्कूल के शुरुआती दिनों से ही उनके बीच गहरी दोस्ती रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख होंगे और जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे, जो 26 महीने के कार्यकाल के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।