Hijab Row Kolkata: कलकत्ता विश्वविद्यालय से जुड़े एक निजी विधि महाविद्यालय की एक शिक्षिका से संस्थान के अधिकारियों द्वारा कार्यस्थल पर हिजाब पहनने से परहेज करने का कथित अनुरोध किया गया, जिसके बाद शिक्षिका ने इस्तीफा दे दिया और विद्यार्थियों को पढ़ाना भी बंद कर दिया. हालांकि जब मामला सार्वजनिक हो गया और हंगामा मच गया तो कॉलेज प्रशासन ने दावा किया कि यह गलतफहमी का नतीजा है. साथ ही कॉलेज ने शिक्षिका को हिजाब पहनने की अनुमति दे दी.
‘बिना हिजाब नहीं होगी क्लास’
शिक्षिका संजीदा कादर रमजान के महीने यानी अप्रैल में से ही कार्यस्थल पर हिजाब पहन रही थी, लेकिन पिछले सप्ताह से यह मुद्दा काफी बढ़ने लगा.
कॉलेज की तरफ से हिजाब ना पहनने वाले निर्णय पर वह भड़क गईं और उन्होनें कॉलेज में इस्तीफे दे दिया. इसके अलावा संजीदा कादर ने जवाब में कॉलेज से कहा कि वह दोबारा ड्यूटी ज्वाइन नहीं करेंगी और उन्होंने कॉलेज प्रबंधन को एक ईमेल भेजकर अपना फैसला सुनाया.
ड्यूटी पर हिजाब पहनने की मिली अनुमति
हालांकि, उनके इस्तीफे के सार्वजनिक होने के बाद, कॉलेज के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और जोर देकर कहा कि यह केवल मिस कम्यूनिकेशन था, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें काम के घंटों के दौरान अपने सिर को कपड़े से ढकने से कभी मना नहीं किया गया था. इसके बाद लजेडी लॉ कॉलेज, टॉलीगंज के प्रबंधन ने 10 जून को उन्हें एक ईमेल में कहा कि वह संकाय सदस्यों के लिए ड्रेस कोड का पालन करते हुए अपने सामान्य कर्तव्यों को फिर से शुरू कर सकती हैं और “अपनी कक्षाओं के दौरान, वह सिर पर स्कार्फ के रूप में दुपट्टे का उपयोग कर सकती हैं.