Exit Poll 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के लिए आज (01 जून) 57 सीटों पर मतदान जारी है, सुबह से ही लोग लम्बी लाइनों में लगे हैं, जिसके नतीजे 4 जून को आएंगे लेकिन इस बीच चुनावी नतीजों से पहले आज शाम एग्जिट पोल (Exit Poll 2024) के नतीजे जारी किए जाएंगे. अब सवाल ये है कि आखिर यह एग्जिट पोल होता क्या है.
क्या होता है Exit Poll ?
सबसे पहले समझते हैं कि आखिर ये एग्जिट पोल होता क्या है. एग्जिट पोल एक तरह से वोटिंग के बाद का एक क्विक सर्वे होता है. वोटिंग के बाद मतदताओं से वोटिंग की जानकारी ली जाती है. उन्होंने किसे वोट किया, किसका पलड़ा भारी है, किन मुद्दों पर वोट किया है, जैसे सवालों से सीट पर हार-जीत का अनुमान लगाया जाता है. इसी डेटा को एग्जिट पोल के रूप में देखा जा सकता है. आसान भाषा में समझे तो एग्जिट पोल में असल में रुझानों के जरिए निष्कर्ष निकालने की कोशिश होती है. वोटरों से बातचीत करके अंदाज लगाया जाता है कि रिजल्ट कैसा हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि एग्जिट पोल पूरी तरह से रिजल्ट में तब्दील ही हो जाए, ऐसा जरूरी नहीं. एग्जिट पोल कई बार सही भी साबित होते हैं, तो कई बार गलत भी. खैर सही नतीजे ते 04 जून को ही पता चल पाएंगे.
एग्जिट पोल की शुरुआत कैसे हुई?
औपचारिक तौर पर साल 1996 में पहली बार एग्जिट पोल की शुरुआत हुई, जिसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी (CSDS) ने दूरदर्शन के लिए किया गया था. इसमें बताया गया कि अमुख पार्टी चुनाव जीतेगी और हुआ भी ऐसा ही. जिसके बाद से देश में एग्जिट पोल का चलन बढ़ गया. एग्जिट पोल का चलन विदेशों से होते हुए भारत में हुआ. जहां तक भारत की बात है तो इसकी शुरुआत साल 1957 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था. उस समय चुनावी सर्वे किया गया था. ये सर्वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (England Institute Of public Opinion) ने किया था. इसके बाद 1980 और 1984 के दौरान भी सर्व किया गया.