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Jawaharlal Nehru Death Anniversary: भारत के फर्स्ट पीएम के बारे में पढ़िए 10 इंटरेस्टिंग प्वाइंट्स और उनके लिखे प्रेरक

Jawaharlal Nehru Death Anniversary: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आज (27 मई) पुण्यतिथि है. इस मौके पर कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं समेत पीएम नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.

Jawaharlal Nehru Death Anniversary 2024: स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 27 मई, 1964 को दिल्ली में अंतिम सांस ली थी, एक कानून निर्माता, प्रशासक, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी और विचारक के रूप में जवाहरलाल नेहरू ने जीवन में जो भी क्षेत्र चुना, उसमें उन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी. पंडित नेहरू को आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर ही नहीं बल्कि उन्हें बच्चों के चाचा नेहरू के तौर पर भी जाना जाता था और आज भी चाचा नेहरू को बच्चे Children’s Day वाले दिन याद करते हैं. इसलिए उनकी जयंती को बाल दिवस भी कहा जाता है.

पुण्यतिथी के मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन के कुछ खास किस्से-

1. यह सब जानते हैं कि जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले शख्स थे. उनका लालन पालन गांव में ही हुआ, शुरू से इंग्लिश स्कूल में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. वह हिंदी सीखने के लिए गांव में घुमते थे और लोगों के बीच में बैठकर हिंदी पढ़ते और लिखते भी थे. उनके नाम पर जवाहरलाल नहेरू विश्वविद्यायल भी है.

2. ऐसा भी कहा जाता है कि चंद्र शेखर आजाद ने रूस जाने के लिए चाचा नेहरू से 1200 रुपए उधार लिए थे. वहीं जवाहर लाल नेहरु ने कम से कम 20 साल तक सुभाष चंद्र बोस के परिवार पर जासूसी कारवाई की थी.

3. जवाहरलाल नेहरू पर 4 बार जानलेवा हमले भी हुए थे. पहली बार साल 1947 में बंटवारे के दौरान उन पर हमला किया गया था, जिसके बाद साल 1955 में महाराष्ट्र में चाकू से उन पर हमला किया गया था.

4. चाचा नेहरू हमेशा से ही दरिया दिल रहे, वह बच्चों से काफी प्यार भी किया करते थे. फरवरी साल 1950, में राजस्थान में जवाहर लाल नेहरू के स्वागत में हरी सब्जियों को सजाया गया था, जिसे देखकर चाचा नेहरू काफी नाराज हुए और उन्होंने वो सारी सब्जियां गरीबों में बांट दी.

5. जवाहर लाल नेहरू हमेशा से ही गांधी जी के साथ मिलकर भारत को आजाद करने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता के बाद भी साल 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा में लगे रहे. साल 1941 में जब महात्मा गांधी ने चाचा नेहरु को एक बुद्धिमान और सफल नेता का दर्जा दिया था.

गो हत्या का विवाद आज से नहीं है बल्कि नेहरू जी के टाइम में भी था. एक बार संसद में गो हत्या का प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि अगर गो हत्या का प्रस्ताव परित होता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. जवाहर लाल नेहरू शुरू से ही नर्म दिल और सख्त पर्सनेलिटी के व्यक्ति रहे हैं. नेहरु जी अपने जीवन में 9 बार जेल गए. वह विश्व भ्रमण भी किए, उन्हे आज भी अंतराष्ट्रीय नायक के रुप में जाना जाता है.

 

 

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