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श्रद्धालुओं के लिए दो मई को खोले जाएंगे केदारनाथ धाम के कपाट, 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर

मंदिर को सजाने के लिए 150 से अधिक स्वयंसेवकों ने दिन-रात काम किया है. स्वयंसेवकों ने कहा कि भगवान शिव की सेवा करने का अवसर मिलने पर सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं.

मंदिर को सजाने के लिए गुलाब और गेंदे सहित 54 प्रकार के फूलों का उपयोग

मंदिर को सजाने में लगे स्वयंसेवकों का नेतृत्व करने वाले गुजरात के वडोदरा के श्रीजल व्यास ने बताया कि नेपाल, थाईलैंड, श्रीलंका, दिल्ली, कश्मीर,पुणे, कोलकाता और पटना सहित भारत के विभिन्न स्थानों से लाए गए गुलाब और गेंदे सहित 54 प्रकार के फूलों का उपयोग मंदिर को सजाने के लिए किया गया है. हमें मंदिर को सजाने के लिए इन ऊंचाइयों पर लगभग 80 क्विंटल फूल लाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. व्यास ने कहा कि हम सभी अपने प्रिय देवता की सेवा करने का अवसर पाकर प्रसन्न हैं. भगवान शिव के मंदिर को सजाने का अवसर मिलना एक दुर्लभ आशीर्वाद है. मेरी पत्नी और 10 वर्षीय बेटा तपन देसाई ने पीटीआई वीडियो से कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद वे यहां भगवान की सेवा करने आए हैं.

 

व्यास ने कहा कि हम अपने भगवान के निवास को उसी तरह सजा रहे हैं जैसे हम शादी के लिए अपने घरों को सजाते हैं. उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में सर्दियों के दौरान पूजी जाने वाली भगवान शिव की मूर्ति गुरुवार को पुजारियों और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों के कंधों पर फूलों से सजी पालकी में गौरीकुंड के रास्ते यहां पहुंचेगी. मंदिर के सौंदर्यीकरण में पश्चिम बंगाल के 35 कारीगरों ने भी मदद की है. मंदिर के मुख्य पुजारी भीमाशंकर लिंग ने कहा कि मंदिर के द्वार शुक्रवार सुबह सात बजे खोल दिए जाएंगे.

Ayesha

Written by Ayesha

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