Delhi New CM: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के BJP यानि भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर जारी है. माना जा रहा है कि BJP विधायक दल की बैठक 19 फरवरी हो सकती है. साथ ही इसके अगले दिन यानि 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि BJP की ओर से मुख्यमंत्री चुनने में इतना समय क्यों लिया जा रहा है और अगले मुख्यमंत्री के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां होंगी.
सियासी समीकरण साधने की कोशिश
दरअसल, दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री को चुनने के लिए BJP में लगातार मंथन हो रहा है. पार्टी के नेताओं के बीच कई दौर की बैठक जारी है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बैठकें ली हैं. दिल्ली में मुख्यमंत्री का फैसला महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही सस्पेंस भरा है. इन राज्यों में भी BJP ने बहुत सोच-समझ कर फैसला लिया था. ऐसे में कई सियासी जानकारों का मानना है कि BJP दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चेहरे से कई सियासी समीकरण साधने की कोशिश कर रही है.
अरविंद केजरीवाल बने BJP के लिए चैलेंज
बता दें कि BJP के अगले मुख्यमंत्री के लिए कांटों का ताज भी सजकर तैयार है और इसकी वजह है मजबूत विपक्ष. दरअसल, इस चुनाव में भले ही AAP यानि आम आदमी पार्टी चुनाव हार गई हो, लेकिन AAP के 22 विधायक अभी डटकर खड़े हैं. सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि BJP के पास अरविंद केजरीवाल के टक्कर का नेता अभी तक नहीं है. ऐसे में BJP सियासी समीकरण को साधने के साथ ही AAP को टक्कर देने वाले नेता को चुनने के लिए समय ले रही है. अरविंद केजरीवाल चैलेंज BJP के लिए काफी बड़ा साबित हो सकता है.