Delhi Election 2025: दिल्ली में मतदान से पहले सियासत अपने चरम पर पहुंच चुकी है. इसी क्रम में पूर्वांचली वोटर्स को लेकर AAP यानी आम आदमी पार्टी और BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के बीच जंग छिड़ चुकी है. BJP ने AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. BJP सांसद मनोज तिवारी के नेतृत्व में नेता अशोक रोड से अरविंद केजरीवाल के घर तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली में क्यों मायने रखते हैं.
पूर्वांचलियों को लेकर BJP-AAP में ठनी
दरअसल, एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि BJP पूर्वांचली वोटर्स का वोट काट रही है. इसी के विरोध में BJP ने शुक्रवार को पूर्वांचल सम्मान मार्च निकाल कर अरविंद केजरीवाल का विरोध जताया. इसी पर शुक्रवार को ही अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि AAP सरकार ने पूर्वांचल समाज के हित के लिए काम किए. उन्होंने दावा किया कि पूर्वांचल समाज के भाई-बहनों और कच्ची कॉलोनियों के विकास के लिए कच्ची कॉलोनियों में पानी और सीवर की लाइन बिछवाई, स्कूल और अस्पताल बनवाए. उन्होंने आरोप लगाया कि BJP वाले बिना किसी मुद्दे के धरना और गंदी राजनीति करते हैं. उन्होंने दावा किया कि पूर्वांचलियों का सबसे ज्यादा अपमान BJP करती है. गौरतलब है कि दिल्ली में 24 फीसदी तक पूर्वांचली वोटर्स हैं. इसी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है कि BJP ने पूर्वांचली वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए. वहीं, BJP ने AAP पर पूर्वांचलियों के अपमान का आरोप लगाया.
पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या लगभग 40 लाख
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में 24 फीसदी पूर्वांचल के वोटर हैं. इनकी संख्या 40 लाख के आसपास है. साथ यह वोटर्स सीधे तौर पर दिल्ली की 17-20 विधानसभाओं पर असर डालते हैं और किसी भी प्रत्याशी के हार-जीत में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में यही कारण है कि सभी पार्टियां की ओर से उन्हें पूरी तरह से लुभाने में जुटी हैं. इसमें देश के पूर्वी भाग यानी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग शामिल हैं.