ISRO SpaDeX Mission Launch: ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहा है. ISRO अपने प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा सोमवार की रात 10 बजे स्टेशन SpaDeX मिशन को लॉन्च करने वाला है. ISRO ने इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक X हैंडल पर दी है. ISRO इस मिशन के जरिए स्पेस में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे दो स्पेसक्राफ्ट्स को आपस में जोड़ा जा सकता है, जिसे डॉकिंग कहते हैं.
पृथ्वी की निचली कक्षा में होगी डॉकिंग
ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक इसे बेहद कम कीमत में लॉन्च किया जाना है. साथ ही यह मिशन चंद्रमा पर भारत के यान को भेजना, चंद्रमा से नमूने वापस पृथ्वी लाना और BAS यानी भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण समेत कई भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स के लिए महत्वपूर्ण है. ISRO ने बताया कि अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक सबसे जरूरी है और इसकी जरूरत तब पड़ती है, जब सामान्य मिशन की सफलता के लिए कई रॉकेट्स को लॉन्च करने की आवश्यकता होती है.
ISRO का यह मिशन अगर सफल होता है, तो भारत भारत स्पेस डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. ISRO के मुताबिक स्पैडेक्स मिशन के दौरान पृथ्वी की निचली कक्षा में दो छोटे अंतरिक्ष यान को जोड़ने का काम किया जाएगा. इसमें से एक यान का नाम है SDX01, जिसे चेजर भी कहा जाता है, दूसरे का नाम है SDX02, जिसे टारगेट नाम दिया गया है. दोनों अंतरिक्ष यानों का वजन 220 किलो है. इससे स्पेस में AI और रोबोटिक्स की क्षमता का भी प्रदर्शन किया जाएगा.
क्यों जरूरी है मिशन
•चंद्रमा पर यान को भेजना
•चंद्रमा से नमूने वापस लाना
•भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण