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मुगलकालीन मस्जिद या मनहार किला है शामली की जर्जर इमारत, क्यों अपने कब्जे लेने वाला है पुरातत्व विभाग?

Jalalabad Manhar Kheda Fort: SDM ने कहा कि पुरातत्व विभाग सिफारिशों पर मनहार खेड़ा किले को अपने नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है.

Jalalabad Manhar Kheda Fort: उत्तर प्रदेश के शामली से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश का पुरातत्व विभाग शामली के मनहार खेड़ा किले को अपने कब्जे में लेने पर विचार कर रहा है. यह किला शामली जिले के अहाता गौसगढ़ गांव में स्थित है.

करीब 4 बीघे जमीन में बने 250 साल पुरानी जर्जर इमारत को लेकर विवाद देखने को मिलता रहा है. दरअसल, मुस्लिम पक्ष के लोग इसे मुगलकालीन मस्जिद मानते हैं. वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि यह किला सूर्यवंशी क्षत्रिय राजाओं की ओर से बनाया गया था.

RLD विधायक का आवास है किला

न्यूज एजेंसी PTI ने शामली के SDM हामिद हुसैन के हवाले से बताया कि उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग सलाहकार समिति की सिफारिशों पर ऐतिहासिक मनहार खेड़ा किले को अपने नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है. हामिद हुसैन ने बताया कि पुरातत्व विभाग ने प्रस्ताव पर मुहर लगाने से पहले जिला अधिकारियों से रेवेन्यू रिकॉर्ड मांगे थे. उन्होंने बताया कि किले से जुड़े संबंधित दस्तावेज पुरातत्व विभाग को सौंप दिए गए हैं.

यह दस्तावेज उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग की निदेशक रेणु द्विवेदी ने शामली जिला प्रशासन को एक पत्र भेजकर मांगा था, जिसे राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किया जा सकता है. गौरतलब है कि इस किले में वर्तमान में कई परिवार रहते हैं. हाल में यह RLD यामी राष्ट्रीय लोकदल के थाना भवन क्षेत्र के विधायक अशरफ अली खान का निवास भी है. बता दें कि VHP यानी विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह पुंडीर और कार्यकर्ताओं ने इस किले को किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की है.

 

सेनापति जलाल खान ने किया था कब्जा

VHP के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले में ज्ञापन भी सौंपा था. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुरातत्व सलाहकार समिति ने किले का सर्वेक्षण किया. मनहार खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति का दावा है कि सैकड़ों एकड़ में इस दुर्ग को बादशाह औरंगजेब के एक सेनापति जलाल खान ने हिंदू राजाओं छिन लिया था. दावा किया जाता है कि जलाल खान ने हिंदू राजाओं को जहर खिला कर मार दिया था. बाद में इसका नाम मनहार खेड़ा से बदकर जलालाबाद किला कर दिया गया था. इसी किले के परिसर में एक मस्जिद भी है.

बता दें कि किला तीन एकड़ में फैला हुआ है और इसमें तीन वॉच टावर भी बनाए गए हैं. दावा यह भी किया जाता है कि जलालाबाद में ही मुगलों और सिखों के बीच भयंकर लड़ाई हुई थी. इसे 1710 के जलालाबाद युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान सेनापति जलाल खान इसी किले में छिप गया था. सिख योद्धा बंदा सिंह बहादुर के नेतृत्व में सिखों ने जलाल खान को हरा दिया

Ayesha

Written by Ayesha

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