भोजपुरी की लता मंगेशकर स्वर कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्हा ने कल रात दिल्ली के Aiims में ली आखिरी सांस। 72वर्ष की उम्र में हुआ निधन, हाल फिलहाल कुछ समय पहले ब्रेन हैमरेज से हुआ था पति का निधन। कुछ समय पहले भी तबियत बिगड़ी थी, मगर हाल फिलहाल 4 नवंबर को उनके पुत्र अंशुमान ने उन्हें AIIMS दिल्ली में admit करवाया था। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी के लोक गायिकी में महारथ हासिल था।
भोजपुरी भी सभी तरह के पारंपरिक गीत उनके द्वारा जरूर गाया गया है, चाहे वो विवाह हो, छठ महा पर्व हो, सोहर हो,और अन्य कोई भी पारंपरिक गीत सभी उनके द्वारा गया गया है। इधर, 4 नवंबर को शाम में शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS में वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया था. उनके पुत्र अंशुमन लगातार स्वास्थ की ख़बर दे रहे थे. उन्होंने जानकारी दी थी कि इंफेक्शन की वजह से मां की तबीयत अचानक अधिक बिगड़ गयी और वेंटिलेटर पर उन्हें शिफ्ट करना पड़ा. उनकी आंखें बंद हैं और अचेत अवस्था में हैं. जबकि सोमवार की सुबह जब उनके पुत्र अंशुमन ने अपनी मां से कुछ बात करने की कोशिश की तो शारदा सिन्हा की आंखों की पुतली में बेहद हल्की सी हरकत महसूस की गयी थी।
शारदा सिन्हा जी फिर से स्वस्थ होकर लौटेंगी. मगर शारदा सिन्हा जी जिंदगी की जंग हार गयीं और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. सोशल मीडिया पर भी उनके प्रशंसक उन्हें याद करके श्रद्धांजलि दे रहे हैं. खासकर छठ महापर्व के समय उनका इस दुनिया से जाना लोगों को अधिक रूला गया है. हालांकि शारदा सिन्हा आज भी और आने वाले दिनों में भी अपनी गीतों के माध्यम से सबके अंदर जीवित रहेंगी। लोक गीतों के लिए इन्हें पद्म श्री और पद भूषण से भी सम्मानित किया गया है।