Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक 35 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. सिवान जिले में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है और 70 हजार से अधिक लोग जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू हुए आठ साल हो चुके हैं, फिर भी जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला नहीं रुक रहा है.
NCRB के आंकड़े चौंकाने वाले
जहरीली शराब से हो रही मौतों के लेकर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सावल किया जाता है तो वो कहते हैं कि लोग चोरी-छिपे शराब पी रहे हैं, इसलिए उनकी मौत हो रही है. वहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों की अगर बात करें तो हर साल देश में जहरीली शराब से हजारों लोगों की जान चली जाती है और बिहार के आंकड़े तो बेहद ही चौंकाने वाले हैं.
अब तक 12 लाख मामले दर्ज
राज्य में शराबबंदी फेल होने के कई कारण हैं. इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार प्रशासन है, ये पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता है. आपको जानकार हैरानी होगी कि राज्य में शराब, नकली शराब एवं जहरीली शराब तीन तरह की शराब बिक रही है. शराबबंदी लागू होने के बाद से लेकर अब तक 12 लाख मामले दर्ज हुए हैं. पिछले साल ही जहरीली शराब से सौ से अधिक लोगों की जान चली गई थी. सरकार के मंत्री खुद मानते हैं कि शराब की होम डिलीवरी होती है.
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