MP News: देशभर में 12 अक्टूबर, शनिवार को दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाने के लिए रावण का पुतला जलाया जाता है. लेकिन, मध्य प्रदेश की राजधानी इंदौर में एक अनोखी परंपरा के तहत भक्तजन दशहरे पर रावण का पुतला जलाने के बजाय उसे देवता के रूप में पूजते हैं. आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह.
यहां मौजूद है रावण की 6 फुट ऊंची मूर्ति
लंकेश्वर महादेव मंदिर, जो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के परदेसीपुरा इलाके के मौजूद है, यहां रावण की 6 फुट ऊंची मूर्ति स्थित है. यहां भक्त और श्रद्धालुजन रावन की पूजा-अर्चना करने और आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. इस मंदिर की स्थापना साल 2010 में शहर में रहने वाले महेश गौहर नाम के व्यक्ति ने की थी. महेश गौहर रावण को भगवान शिव के अवतार और विद्वान मानते थे.
रावण का पुतला जलाने पर किया विरोध
महेश गौहर के फैमिली मैंबर्स का कहना है कि वह रावण के इतने बड़े भक्त हैं कि उन्होंने उनका पुतला जलाने पर रोक लगाने के लिए अदालत में याचिका दायर की. गौहर परिवार के अलावा परदेसीपुरा इलाके के कुछ लोग भी इस मंदिर में पूजा करने आते है. लोगों का मानना है कि इस मंदिर में अपार शक्तियां मौजूद हैं. बता दें कि देशभर में दशहरे के दिन पारंपरिक तौर पर रावण, उनके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाथ के पुतले जलाए है. असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाने के लिए देशभर में इस साल 12 अक्टूबर को दशहरा सेलिब्रेट किया जाएगा.
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