ASEAN opens Summit with Gulf Nations : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की तरफ से दुनिया भर के देशों से आने वाली वस्तुओं पर भारी टैरिफ का एलान करने के बाद से वैश्विक राजनीति में उबाल आ गया. इसी बीच दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) चीन के अलावा खाड़ी देशों (जीसीसी) के साथ सम्मेलन आयोजित कर रहा है. इस सम्मेलन के लक्ष्य को लेकर अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ से जूझते हुए आर्थिक लचीलापन बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
आसियान-जीसीसी में हुई मीटिंग
ASEAN सम्मेलन 2025 का आयोजन मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में 10-सदस्यीय दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच हो रहा है. दूसरी तरफ चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग मंगलवार का दिन खत्म होने के बाद पहली बैठक में दोनों ब्लॉकों में शामिल होंगे. बीजिंग खुद को इस क्षेत्र के लिए एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है. वहीं, मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि आसियान-जीसीसी साझेदारी आज से पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है, यह इसलिए है क्योंकि हम आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक चुनौतियों से चिह्नित एक जटिल वैश्विक परिदृश्य से गुजर रहे हैं.
जीसीसी की तरफ से यह देश आएं
आसियान सम्मेलन में जीसीसी की तरफ से बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल होंगे. अनवर ने पिछले हफ्ते कहा था कि जीसीसी के अमेरिका के साथ पहले से ही मजबूत संबंध हैं और वह बीते कुछ सालों से चीन के साथ भी नजदीकी बढ़ाना चाहता है. आसियान ने तटस्थता की नीति बनाए रखी है जिसमें बिजिंग और अमेरिका दोनों महादेश शामिल है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ वार छिड़ने के बाद स्थितियों में थोड़ा बदलाव आ गया. ट्रंप ने अप्रैल में दुनिया के ज्यादातर देशों पर लगाए टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी. इसके अलावा अब अमेरिका ने चीन के साथ भी टैरिफ को लेकर समझौता किया है और यही वजह है कि दुनिया में व्यापार युद्ध कुछ दिनों के लिए ठहर गया है. इसी बीच विदेश मामलों के विशेषज्ञ कोलिन्स चोंग ने कहा कि आसियान इस समय चीन की ओर झुका हुआ दिखाई दे रहा है. साथ ही विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की आक्रामकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में पूरी तरह से विफल रहा है.