
मुआवजा देने का किया एलान
ईस्टर बम विस्फोट में करीब 270 लोग की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इसके बाद साल 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और राज्य खुफिया सेवा निदेशक नीलांथा जयवर्धने समेत कई पूर्व सरकारी अधिकारियों को पूर्व खुफिया एजेंसी को कई चेतावनियां देने के बाद हमलों को रोकने में विफल रहने के लिए पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया था. वहीं, सिरिसेना ने आत्मघाती बम विस्फोटक की जांच के लिए एक कमेटी भी नियुक्त की थी और इस रिपोर्ट में बताया गया कि अग्रिम खुफिया रिपोर्टों की उपेक्षा करने का दोषी पाया गया.