Lucknow: बाल श्रम के खिलाफ योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. यदि होटलों, ढाबों या किसी दुकान पर कोई बाल मजदूर पाया गया तो उस बाल मजदूर को स्कूल भेजने के साथ ही मालिक के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2027 तक बाल श्रम को खत्म करने का लक्ष्य रखा है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने सोमवार से राज्यव्यापी अभियान शुरू किया.सरकार बच्चों को भेजेगी स्कूल और करेगी पुनर्वास
सरकार का यह अभियान शिक्षा और पुनर्वास पर केंद्रित है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को श्रम के लिए मजबूर होने के बजाय विकास, सीखने और सम्मानजनक भविष्य के अवसर दिए जाएं. सरकार ने कहा है कि अभियान को और मजबूत करने के लिए 12 जून को विशेष जागरूकता कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं. सरकार ने कहा कि विभिन्न विभागों में समन्वित प्रयासों के माध्यम से अभियान को तेज किया जाएगा. राज्य सरकार की पहल से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की गई है. 2017-18 और 2024-25 के बीच 12,426 बाल श्रमिकों को शैक्षिक रूप से पुनर्वासित किया गया है, जिससे वे स्कूल लौट सकें और नए सिरे से शुरुआत कर सकें.



