IMF Imposes 11 new Conditions on Pak : पाकिस्तान ने आतंकवाद को पालकर हमेशा से ही अपनी सुरक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था को जोखिम डालता आया है. ना-पाक उन लोगों में से एक है जो अपने दुखों से दुखी नहीं है बल्कि दूसरे की खुशी से दुखी है. वह अपने देश के लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं दे पाता है लेकिन वह हमेशा जम्मू-कश्मीर को पाने का सपना देखता रहता है. लेकिन अपनी अर्थव्यवस्था और लोगों पर ध्यान नहीं देता है. इसके अलावा जब भी उसको पैसे की जरूरत होती है तो वह विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने हाथ फैलाने के लिए चला जाता है. इसी बीच आईएमएफ ने 9 मई, 2025 को एक अरब डॉलर का लोन अमाउंट को मंजूरी दे दी थी. लेकिन अब दूसरी किस्त के लिए IMF ने 11 नई शर्तें तय लगाई हैं.तनाव कम नहीं किया मुश्किलें बढ़ेंगी
इसी बीच आईएमएफ ने चेतावनी भी दी है कि अगर पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव कम नहीं किया तो राजकोषीय, बाह्मा और सुधार लक्ष्यों का जोखिम काफी बढ़ जाएगा. पाकिस्तान पर लगाई नई शर्तों में बिजली बिलों पर ऋण सेवा अधिभार में वृद्धि और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना शामिल है. आईएमएफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दो सप्ताह में भारत और पाकिस्तान के बीच में तनाव काफी बढ़ा है, लेकिन अभी भी बाजार की स्थिति थोड़ी स्थिर रही है और शेयर बाजार में भी कोई प्रभाव नहीं देखा गया है. बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने चार दिनों तक सीमा पार ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया. इसी बीच संघर्ष को खत्म करने के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच में समझौता हुआ.
पाक पर गिरी IMF की शर्तों की गाज
वहीं, आईएमएफ की 11 नई शर्तों के साथ पाकिस्तान पर अब कुल 50 शर्तें लागू हो गई हैं. प्रांतों पर एक नई शर्त लगाई है जहां पर चार संघीय इकाइयां एक व्यापक योजना के माध्यम से नए कृषि आयकर कानूनों को लागू करेंगी. इसमें रिटर्न प्रोसेसिंग, करदाता पहचान और पंजीकरण, संचार अभियान और अनुपालन सुधार योजना के लिए एक परिचालन मंच की स्थापना भी शामिल है. प्रांतों के लिए यह समय सीमा इस वर्ष जून है. तीसरी नई शर्त के अनुसार, सरकार आईएमएफ द्वारा शासन निदान मूल्यांकन की सिफारिशों के आधार पर एक शासन कार्य योजना भी प्रकाशित करना होगा. इस रिपोर्ट का उद्देश्य शासन कमजोरियों को दूर करने के लिए सुधार उपायों की सार्वजनिक रूप से पहचान करना है.



