Operation Sindoor : भारत और पाकिस्तन के बीच में जारी संघर्ष के बाद अमेरिका मध्यस्थता के बाद सीजफायर तत्काल प्रभाव से 10 मई की शाम 5 बजे लागू हो गया. इसी बीच कई लोग चर्चा कर रहे थे कि दोनों देशों के बीच में युद्ध होना चाहिए और पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाना चाहिए. क्योंकि वह 1971 का युद्ध भूल गया है. इसी बीच पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता के निलंबन पर खड़े हो रहे सवाल की निंदा करते हुए कहा कि युद्ध रोमांटिक नहीं है और यह कोई बॉलीवुड फिल्म की तरह नहीं है. पुणे के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि अगर आदेश दिया गया तो वह युद्ध के लिए जाएंगे लेकिन उनकी पहली पसंद कूटनीति होगी.यह युद्ध का युग नहीं : पूर्व सेना प्रमुख
युद्ध की चिंताओं के बीच नरवणे ने कह कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में आघात है. इनमें वह बच्चे भी शामिल हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से गोलीबारी देखी है और रात के समय में वहां पर रहने वाले लोगों को भागना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपने परिवारजनों को खो दिया है और यह दुख पीढ़ियों तक रहता है.
इसके अलावा पूर्व प्रमुख सेना ने बताया कि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिऑर्डर (PTSD) नामक एक चीज होती है. यह उन लोगों को हो जाती जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से कोई भयानक घटना देखी है और यह बीमारी 20 साल तक नहीं जाती है. कई दफा ऐसी घटनाओं को देखने के बाद साइकेट्रिस्ट की देखरेख में भी रहना पड़ता है. उन्होंने कहा कि युद्ध या हिंसा हमारी प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए बल्कि आखिरी सहारा नहीं होना चाहिए. यही वजह है कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. हालांकि, नासमझ लोगों की तरफ से हम पर युद्ध थोपा जा रहा है और हम इसको दूर करना चाहते हैं.



