New Delhi: सुप्रीम कोर्ट सोमवार (28 अप्रैल) को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र को ओवर द टॉप (OTT) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यौन सामग्री के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में इन प्लेटफार्मों पर यौन सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण का गठन करने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग की गई है. शीर्ष अदालत की 28 अप्रैल की सूची के अनुसार याचिका पर न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी.
यौन विकृत सामग्री युवाओं, बच्चों के दिमाग को करती है प्रदूषित
याचिका में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया साइटों पर ऐसे पेज या प्रोफाइल हैं जो बिना किसी फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहे हैं और विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म ऐसी सामग्री प्रसारित कर रहे हैं, जिसमें बाल पोर्नोग्राफी भी है. इसमें कहा गया है कि इस तरह की यौन विकृत सामग्री युवाओं, बच्चों और यहां तक कि वयस्कों के दिमाग को प्रदूषित करती है जो विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियों को जन्म देती है, जिससे अपराध दर में वृद्धि होती है. याचिका में कहा गया है कि अगर इसे अनियंत्रित रूप से फैलाया गया तो अश्लील सामग्री का सामाजिक मूल्यों, मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं.