What Is Shimla Agreement Of 1972: हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार मामला 1972 में हुए शिमला समझौते को लेकर है, जिसे पाकिस्तान ने रद्द करने की धमकी दी है. यह धमकी पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के जवाब में आई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. लेकिन शिमला समझौता क्या है? यह क्यों महत्वपूर्ण है? और पाकिस्तान की इस धमकी का क्या मतलब हो सकता है? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं.
शिमला समझौता क्या है?
शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ एक ऐतिहासिक समझौता था. इसे भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे. यह समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ, जिसमें भारत ने निर्णायक जीत हासिल की थी. इस युद्ध में भारत ने न केवल पाकिस्तान को हराया, बल्कि बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद की.
समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच युद्ध के बाद उत्पन्न तनाव को कम करना और भविष्य में शांति बनाए रखने के लिए एक ढांचा तैयार करना था. इसके तहत कई महत्वपूर्ण बिंदु तय किए गए, जो दोनों देशों के लिए बाध्यकारी थे.