New Education Policy: शिक्षा भले ही राज्य का विषय हो, लेकिन हर साल नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि के कारण अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए केंद्र सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है. इसके लिए एक पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में काम शुरू हो गया है. केंद्र सरकार एक मॉडल ड्राफ्ट तैयार कर रही है, जिसे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए लागू कर सकेंगे.
केवल दो राज्यों में है कानून
वर्तमान में सिर्फ उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ही मनमानी फीस वृद्धि को रोकने के लिए कानून मौजूद हैं. उत्तर प्रदेश में 2018 में लागू किया गया कानून इस मामले में सबसे सख्त माना जाता है. अन्य राज्यों में ऐसी व्यवस्था के अभाव में अभिभावकों को हर साल परेशानी का सामना करना पड़ता है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहल
शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करने के लिए उठाया है. एनईपी में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूलों का मुख्य लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए. नीति ने अभिभावकों के आर्थिक शोषण और शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण पर अंकुश न लगा पाने के लिए मौजूदा नियामक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.