Explainer: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित रेसिप्रोकल टैरिफ नीति का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ सकता है. इस नीति के तहत अमेरिका उन देशों पर समान टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा शुल्क लगाते हैं. भारत भी उन देशों में शामिल है, जो इस नीति से प्रभावित हो सकता है. आइए विस्तार से समझते हैं कि रेसिप्रोकल टैरिफ का भारत पर क्या असर पड़ेगा और कौन-कौन से सेक्टर्स इसकी चपेट में आ सकते हैं.रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत को कितना नुकसान?
Motilal Oswal की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेसिप्रोकल टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ गैप 9% का है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, लेकिन फिर भी इसका असर भारत की जीडीपी पर सिर्फ 1.1% ही रहेगा. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कुल 42.2 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन यह भारत की समग्र जीडीपी का बहुत छोटा हिस्सा है.
किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के कई प्रमुख सेक्टर्स प्रभावित हो सकते हैं. इससे इन सेक्टर्स में काम करने वाली कंपनियों के मुनाफे और रोजगार दोनों पर असर पड़ेगा. साथ ही, इन उत्पादों की कीमतें अमेरिका में बढ़ जाएंगी, जिसका असर अमेरिकी ग्राहकों पर भी पड़ेगा.



