Donald Trump on USAID Funding : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीसरे दिन भी वोटर टर्नआउट के लिए कथित रूप से भारत को मिले 21 मिलियन डॉलर का मुद्दा उठाया है. वहीं, भारत में भी इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच नोकझोंक देखी जा रही हैं. अब एक बार फिर ट्रंप के ताजा बयान ने लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. ट्रंप का ताजा बयान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें दावा किया गया है कि साल 2022 में 21 मिलियन डॉलर का अनुदान भारत के लिए नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए मंजूर किया गया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही बड़ी बात
यहां बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मेरे दोस्त नरेन्द्र मोदा और भारत को वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिनियन डॉलर दिए जा रहे हैं. हम भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं. हमारा क्या? मैं भी तो मतदान बढ़ाना चाहता हैं. इस दौरान ट्रंप ने बांग्लादेश को मिले 29 मिलियन डॉलर का भी जिक्र किया. इस बीच उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को 29 मिलियन डॉलर राजनीतिक परिदृश्य में स्थिरता लाने के लिए दिए गए. उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर एक ऐसी फर्म को दे दिए गए, जिसके बारे में किसी ने कभी सुना ही नहीं था. उस फर्म में केवल दो लोग काम कर रहे थे.
क्या है USAID का पूरा मामला?
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी खर्चे में कटौती के लिए एक नया विभाग बनाया है. इसका नाम Department of Government Efficiency (DOGE) रखा गया है. ये विभाग अमेरिकी सरकार के खर्चे में कटौती कर रहा है. ट्रंप ने टेस्ला के मालिक एलन मस्क को इस विभाग का प्रमुख नियुक्त किया है. इसी सिलसिले में अमेरिकी सरकार की एजेंसी USAID से भारत को कथित रूप से मिल रही 21 मिलियन डॉलर यानी कि 182 करोड़ रुपये की मदद पर रोक लगा दी है. इसके अलावा अमेरिका बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देने और लोकतांत्रिक शासन को बढ़ाने के लिए अमेरिकी सरकार 29 मिलियन डॉलर की मदद दे रही थी.