What is King Pair : क्रिकेट की दुनिया में किंग पेयर (King Pair) वर्ड को पॉजिटिव नहीं माना जाता है. किंग पेयर उस खिलाड़ी को बोला जाता है जो टेस्ट मैच की दोनों पारियों में ‘जीरो’ पर आउट हो जाता है. इंग्लिश क्रिकेटर विलियम एट्टेवल क्रिकेट इतिहास में सबसे पहले खिलाड़ी रहे जिनको किंग पेयर कहा गया. एट्टेवल साल 1892 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी ग्राउंड पर दोनों ही पारियों में ‘डक’ पर आउट हो गए थे. इसी कड़ी में तीन भारतीय खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में जीरो पर आउट होकर किंग पेयर का तमगा अपने कंधे पर लगाया हुआ है. इनमें सबसे प्रमुख नाम विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग है, उससे पहले साल 1977 में भागवत चंद्र शेखर और उसके बाद 1999 में अजित अगरकर दोनों पारियों में जीरो पर आउट होकर इस तमगे को अपने ऊपर लगा चुके हैं.
भागवत चंद्रशेखर
कर्नाटक के मैसूर में 17 मई, 1945 को जन्में भागवत चंद्रशेखर साल 1977 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच की दोनों पारियों में जीरो पर आउट हो गए थे. इसके बाद उनको किंग पेयर के नाम से भी पहचाना जाने लगा था. भारतीय टीम के एक ‘फ्रीक’ बॉलर थे. उन्होंने पोलियो ग्रस्त होने के बाद भी अपनी मजबूत गेंदबाजी से बल्लेबाजों के पसीने छुड़वा दिए थे. वहीं, लाजवाब और बेमिसाल होना कला का सबसे जरूरतमंद गुण है तो भागवत एक शानदार कलाकार थे.
अजित अगरकर
भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर अजित अगरकर ने अपने करियर में 26 टेस्ट मैच खेले हैं और इस दौरान कई यादगार पारियां भी खेली हैं. इनमें से एक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 41 रन देकर 6 विकेट लेने का रिकॉर्ड है. साल 1999 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था उस दौरान कंगारू टीम दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक मानी जाती थी. वहीं, सीरीज का दूसरा मुकाबला मेलबर्न में खेला गया जिसको अगरकर कभी याद नहीं करना चाहेंगे उसका कारण है कि वह दोनों पारियों की पहली गेंद में आउट हो गए थे और भारतीय टीम को उस मुकाबले में करीब 180 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.