Army Day 2025 : भारत के इतिहास में हर साल 15 जनवरी को सैन्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. यह दिन बहादुरी, समर्पण और बलिदान के लिए जाना जाता है. वर्ष 1949 में जनरल केएम करियप्पा ने भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में अपना पद संभाला था. यह एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि साल 1947 में भारतीयों को आजादी मिली थी और साल 1950 में हमारा संविधान पूरे तरह से बनकर तैयार हो गया था. ऐसे में पहली बार भारतीय सेना की कमान किसी भारतीय के हाथ में आई थी.
आखिर 15 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं सेना दिवस?
यहां बता दें कि ब्रिटिश राज के बाद भारत के सैन्य इतिहास का महत्वपूर्ण पल था. जनरल करियप्पा ने 15 जनवरी को भारतीय सेना की कमान संभाली थी, इसलिए उस साल से हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है. बता दें कि सेना दिवस के मौके पर दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में भव्य परेड का आयोजन किया जाता है. इसमें भारतीय सेना अपने आधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, सैन्य अभ्यास किया जाता है और सेना के जवानों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाता है. इस मौके पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जहां लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं.
सेना दिवस का महत्व
यह दिन राष्ट्र की रक्षा करने वाले सैनिकों की बहादुरी को सलाम करता है और उन्हें गर्व का एहसास दिलाता है. भारतीय सेना विविधता में एकता का प्रतीक है, क्योंकि इसमें देश के सभी क्षेत्रों से कार्मिक आते हैं. इस दिन, उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सैनिकों और रेजिमेंटों को वीरता पुरस्कार और यूनिट प्रशस्ति पत्र जैसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
इस बार कहां मनाया जाएगा सेना दिवस?
77 वां भारतीय सेना दिवस 2025 महाराष्ट्र के पुणे में मनाया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. बता दें कि पुणे 15 जनवरी को सेना दिवस की मेजबानी पहली बार करेगा. जो दिल्ली के पारंपरिक आयोजन स्थल से दो साल का बदलाव है. हालांकि, सेना दिवस 2023 और 2024 का सेना दिवस बेंगलुरु और लखनऊ में मनाया गया था, जबकि पुणे सेना दिवस के लिए दिल्ली के बाहर तीसरा स्थान होगा. सेना दिवस समारोह में भारत की सैन्य विरासत को उजागर करने और सेना के भविष्य के रोडमैप के लिए एक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.



