Assam Coal Mine Tragedy: असम के टीम दीमा हसाओ के कोयला खदान के अंदर फंसे नौ श्रमिकों में से 3 और ने दम तोड़ दिया. 5 मजदूर अभी भी खदान में फंसे हुए हैं. खदान के अंदर मरने वालों की संख्या अब 4 हो गई है. शनिवार को बचाव अभियान में जुटी टीमों ने कोयला खदान में फंसे तीन श्रमिकों के शव बरामद किए हैं. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस बात की जानकारी दी है.
खदान से अब तक 4 शव निकाले गए बाहर
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि कुछ समय पहले उमरंगसू खदान से एक और शव बरामद किया गया. यह तीसरा शव है. अभियान में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान आज सुबह फिर से शुरू हुआ और फंसे हुए श्रमिकों की तलाश के छठे दिन तीन शव बरामद किए गए. उन्होंने बताया कि तीन में एक शव की पहचान 27 वर्षीय लिगेन मागर के रूप में हुई है.इससे पहले नेपाल के रहने वाले एक मजदूर का शव 8 जनवरी को बरामद किया गया था. अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना और NDRF यानी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के गोताखोर पानी कम होने के बाद जब मजदूरों को बाहर निकालने गए, तो लिगेन मागर का शव खदान में जमे पानी में उतराया हुआ मिला. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी पुष्टि कर दी है कि खदान में फंसे 9 में से अब तक 4 की मौत हो चुकी है.
12 वर्ष पहले बंद कर दी गई थी खदान
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना पर बताया कि यह खदान 12 वर्ष पहले बंद कर दी गई थी और तीन वर्ष पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी. उन्होंने आगे कहा कि यह कोई अवैध खदान नहीं थी, बल्कि एक बंद पड़ी खदान थी. 6 जनवरी के दिन मजदूर पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में घुसे थे. इसी दौरान हादसा हो गया. इस मामले में एक गिरफ्तारी भी की गई है. साथ ही असम की पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बचाव अभियान पर हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हादसे वाले दिन से पानी निकालने का काम जारी है और अब तक 7 मीटर पानी बाहर निकाला जा चुका है. साथ ही दावा किया कि चार कुओं में 26 मीटर तक पानी था.अगर कुओं से पानी निकाल दिया जाए तो हम कुछ सही नतीजे की उम्मीद कर सकते हैं. पानी निकालने के लिए नागपुर से एक और बड़ी मशीन मंगाई गई है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि, शनिवार की शाम तक पानी का स्तर कम किया जा सकता है और मजदूरों को निकाला जा सकता है.