MP News : मध्य प्रदेश के जबलपुर से सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज की रोटरी के समीप ऊपरी परत में क्रैक आने का मामला सामने आया है, जिसके बाद 800 करोड़ रुपये की लागत से मदनमहल से दमोह नाका तक बन रहे प्रदेश के सबसे लंबे इस फ्लाईओवर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं. मदनमहल से दमोहनाका फ्लाईओवर का काम पूरा होने के पहले शुरू हुए महानद्दा से एलआईसी वाले हिस्से में बनी रोटरी के पास चंद महीनों में दरारें पड़ गई है, हाल ही में सोशल मीडिया पर इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई थी जिसमें बताया जा रहा था कि रोटरी में दरारें आ रही हैं.
उच्च स्तरीय जांच दल का हुआ गठन
इस मामले को लेकर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया और फ्लाईओवर में आई दरारों का निरीक्षण करने भोपाल से उच्च स्तरीय जांच दल जबलपुर पहुंचा. करीब एक घंटे तक मौके पर गुजारने के बाद जांच दल में शामिल अधिकारियों ने टेक्निकल स्टाफ से चर्चा की और एलिवेटेड कॉरिडोर के पेवमेंट में आई दरारों की वजह का पता लगाने के निर्देश दिए. अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष पेश की जाएगी.
800 करोड़ की लागत से बनी थी
दरअसल, जबलपुर में 800 करोड़ की लागत से बने मदन महल से लेकर दमोह नाका तक फ्लाई ओवर का निर्माण कराया जा रहा. इस बीच इसका एक हिस्सा महानद्दा से लेकर एलआईसी तक आरंभ कर दिया गया है, जिसके एलिवेटेड कॉरिडोर के पेवमेंट में आई कुछ दरारों के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने उच्च स्तरीय जांच दल गठित किया है, जो गुरुवार की सुबह मौके पर पहुंची और निरिक्षण किया. जांच दल में लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, प्रमुख अभियंता राणा और मुख्य अभियंता एसके वर्मा के साथ अन्य अधिकारी शामिल थे. उनके ओर से जहां-जहां दरारें आई थी वहां का मुआयना किया और फोटोग्राफ भी ली गई. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार से भी इस पूरे मामले में चर्चा की है.