Zika Virus In India: आंध्र प्रदेश के वेंकटपुरम गांव में एक पांच साल के बच्चे में जीका वायरस का लक्षण दिखा है. इसके बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. पुष्टि के लिए ब्लड सैंपल को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में भेजा गया है.
डॉक्टर को हुआ शक
बच्चे के अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों को उसके लक्षणों के आधार पर संदेह हुआ. इसके बाद से उन्होंने उस बच्चे की जांच शुरू कर दी. जीका वायरस के इंफेक्शन के शक में बच्चे का ब्लड सैंपल पुणे की एक लेबोरेटरी में पुष्टि के लिए भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट का इंतजार डॉक्टर भी कर रहे हैं.
चेन्नई रेफर किया गया मामला
परिवार के सदस्यों ने डॉक्टरों की सलाह पर बच्चे को चेन्नई रेफर करा लिया है. जहां, उसका इलाज चल रहा है. जीका वायरस की अफवाह फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की जांच के लिए हेल्थ कैंप लगाया है.
जागरूकता अभियान किया शुरू
यह मामला सामने आने के बाद गांव के लोगों को वायरस के बारे में जागरूक किया जा रहा है. उन्हें जरूरी दवाएं दी जा रही हैं. इसे लेकर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी सावधानी बरत रहे हैं.
DM ने दी जानकारी
इस मुद्दे पर बात करते हुए नेल्लोर के DM ओ. आनंद ने कहा कि स्थानीय प्रयोगशाला में जीका वायरस संक्रमण का शक होने के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए चेन्नई भेज दिया गया है. DM ने आगे कहा कि जरूरी स्वास्थ्य उपाय लागू किए गए हैं. इसमें हेल्थ कैंप, बच्चे के घर के पास अतिरिक्त नमूना संग्रह और साफ-सफाई की कोशिश जैसे जरूरी कदम उठाए गए हैं. DM ओ. आनंद ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. मौके पर रैपिड रिस्पांस टीमें मौजूद हैं और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
DM ओ. आनंद ने कहा कि मामला अभी भी संदिग्ध है, ये नेगेटिव या पॉजिटिव हो सकता है. अगर ये पॉजिटिव भी है, तो भी हम पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को नहीं लगता कि ये मामला जीका संक्रमण का है, क्योंकि बच्चे की कोई जर्नी हिस्ट्री नहीं है.