Lal Krishna Advani: कोयंबटूर में वर्ष 1998 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इस घटना के मास्टरमाइंड एसए बाशा ने उम्र से जुड़ी बीमारियों की वजह से 84 साल की उम्र में एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. 1999 में तमिलनाडु पुलिस क्राइम ब्रांच ने एसए बाशा पर आरोपपत्र दायर करते हुए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था.
पुलिस बल किए गए तैनात
गौरतलब है कि मंगलवार शाम को होने वाले एसए बाशा के अंतिम संस्कार के चलते शहर में पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है. साल 1998 में हुए हमलों के लिए 84 साल के एसए बाशा समेत 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. हालांकि, बिगड़ती तबीयत की वजह से उन्हें मद्रास हाई कोर्ट ने पैरोल दी थी. बाशा प्रतिबंधित संगठन अल-उम्मा का संस्थापक-अध्यक्ष था. उसने 14 फरवरी को सिलसिलेवार बम विस्फोटों की योजना बनाई थी. इन विस्फोटों में 58 लोगों ने अपनी जान गवाई थी. वहीं, पुलिस ने कहा कि विस्फोटों में 231 लोग घायल हुए थे.
लाल कृष्ण आडवाणी की हत्या की रची साजिश
साल 1999 में एसए बाशा ने BJP के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की भी हत्या करने की कोशिश की थी. उस दौरान वह एक चुनावी सभा में भाग लेने के लिए कोयंबटूर आए थे. इस घटना के बाद से अपराध शाखा (CID) की विशेष जांच टीम ने बाशा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें उन पर आत्मघाती दस्ते का इस्तेमाल करने और BJP नेता लाल कृष्ण आडवाणी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था.