Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर, शुक्रवार को दिल्ली में पहले ‘बोडोलैंड महोत्सव’ का उद्घाटन कर जा रहे हैं. इस दौरान PM मोदी एक सभा को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में बताया है कि दो दिनों तक चलने वाला ‘बोडोलैंड महोत्सव’ बोडो समाज के लिए शांति बनाए रखने के लिए भाषा, साहित्य और संस्कृति का एक बड़ा आयोजन है. इस महोत्सव का उद्देश्य न सिर्फ बोडोलैंड बल्कि पश्चिम बंगाल, नेपाल, असम और पूर्वोत्तर के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले स्वदेशी बोडो लोगों को जोड़ना है.
क्या है बोडोलैंड महोत्सव का मकसद?
‘समृद्ध भारत के लिए शांति और सद्भाव’ इस महोत्सव का विषय है, जिसमें बोडो समुदाय के साथ-साथ बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) के बाकी समुदायों की भाषा, शिक्षा और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके साथ ही इस महोत्सव का मकसद बोडोलैंड की भाषाई और सांस्कृतिक विरासत, इकोलॉजिकल बायोडायवर्सिटी और समृद्ध पर्यटन क्षमता को भी ऊपर उठाना है. इसके साथ ही बोडोलैंड महोत्सव PM नरेन्द्र मोदी के में 2020 में बोडो शांति समझौते पर साइन किए जाने के बाद की जर्नी का जश्न मनाने के बारे में भी है.
क्या है शांति समझौते का उद्देश्य?
इस शांति समझौते ने बोडोलैंड में दशकों से चली आ रही हिंसा, जानमाल के नुकसान और संघर्ष का भी हल निकाला गया और शांति के लिए एक मिसाल का भी काम किया. ‘भारतीय विरासत और परंपराओं में योगदान देने वाली समृद्ध बोडो संस्कृति, परंपरा और साहित्य’ इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण है जिस पर एक सेशन होगा. इसमें समृद्ध बोडो परंपराओं, भाषा, साहित्य और संस्कृति पर विचार-विमर्श होगा. वहीं, एक सेशन ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत मातृ भाषा के जरिए शिक्षा की चुनौतियां और मौके’ विषय पर आयोजित होगा. इस कार्यक्रम में बोडोलैंड क्षेत्र, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और भारत के बाकी इलाकों और पड़ोसी देश भूटान और नेपाल समेत कई देशों से 5 हजार से ज्यादा भाषाई, कला और सांस्कृतिक प्रेमी शामिल होंगे.