Chhath Puja 2024 : दिल्ली की यमुना में छठ से पहले एक बार फिर जहरीला झाग दिखने लगा है. छठ पर्व से पहले यहां पर पूर्वांचल समाज के लोग भारी संख्या में पूजा करने के लिए आते हैं. छठ के अवसर पर सूर्य और प्रकृति की पूजा की जाती है ऐसे में इस त्योहार में नदी का महत्व बढ़ जाता है. वहीं, यमुना में अक्टूबर और नवंबर के महीने में झाग पैदा होने के बाद छठ पर जितनी चर्चा होती है उतनी पूरे साल नहीं होती है. अब इस जहरीले झाग को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं लेकिन अभी ज्यादा असर होने वाला नहीं है.
संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है व्रत
वहीं, देशभर में छठ की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हो गई है. छठ का पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है और इन दिनों में भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है. छठ का व्रत संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और परिवार की खुशिहाली के लिए रखा जाता है. हालांकि, श्रद्धालु जब नहाय-खाय के लिए यमुना घाट पर पहुंचे तो उनमें थोड़ी नाराजगी भी देखी गई. यहां पर पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं ने कहा कि हम छठ पूजा के लिए घाट पर सफाई चाहते हैं.
यमुना में प्रदूषण बना गंभीर समस्या
यमुना नदी में इतना झाग प्रदूषण की गंभीर समस्या को साफ उजागर करता है. साथ ही इसमें कई रासायनिक तत्व और औद्योगिक कचरे का भी मिलने का भी साफ संकेत देता है. यह समय के साथ काफी खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है और इस पर ध्यान सिर्फ छठ पर्व के दिन दिखाई देता है कि यहां कितना प्रदूषण फैल गया है. यमुना में प्रदूषण शासन-प्रशासन दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में सियासत भी गर्म होने लगी है. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि अन्य प्रदेशों की यमुना में लोग छठ मनाते हैं लेकिन दिल्ली में त्योहार मनाना बड़ा मुश्किल है.