Yash Chopra: 1990 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में शाहरुख खान की एंट्री हुई. बतौर एक्टर शाहरुख खान ने कई रोमांटिक फिल्में कीं. इसके बाद उन्हें रोमांस का किंग कहा जाने लगा. उस दौर के कई लोग Agree भी करते हैं कि उन्होंने शाहरुख खान की फिल्मों से मोहब्बत करना सीखा. शाहरुख खान को रोमांस का किंग बनाने में सबसे बड़ा रोल प्ले किया प्रोड्यूसर और डायरेक्टर यश चोपड़ा ने. इतना ही नहीं क्रिटिक्स तो यह भी कहते हैं कि शाहरुख खान ही क्यों अमिताभ बच्चन, राजबब्बर, ऋषि कपूर, राजेश खन्ना जैसे दर्जन भर एक्टरों को फिल्म में रोमांस करना सिखाने वाले यश चोपड़ा ही थे. कुछ क्रिटिक्स तो यश चोपड़ा को रोमांस का देवता भी कहते हैं. उनका यह कहना गलत भी नहीं था क्योंकि यश ने ही अपनी फिल्मों के जरिये बॉलीवुड के दर्शकों को वो नायाब लम्हे दिए जो दिल को आज भी छू लेते हैं.
धूल का फूल ने उड़ाया ‘गर्दा’
यश चोपड़ा ने अपने बड़े भाई BR चोपड़ा से फिल्म मेकिंग की बारीकियां सीखीं. वह लंबे समय तक बड़े भाई की फिल्में भी डायरेक्ट करते रहे. दरअसल, उन्होंने अपने भाई बीआर चोपड़ा और IS जौहर के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर बनकर अपना करियर शुरू किया. फिर साल 1959 में यश चोपड़ा ने अपनी पहली फिल्म ‘धूल का फूल’ बनाई और 1961 में उनकी ‘धर्मपुत्र’ रिलीज हुई.
लव ट्रायंगल का ट्विस्ट
यश चोपड़ा की ज्यादातर फिल्मों में जिंदादिल प्यार, जुदाई और तड़प दिखती है. ‘कभी-कभी’, ‘सिलसिला’ ‘त्रिशूल’ और ‘दिल तो पागल है’ तो बस एक नमूना हैं. ऐसी बहुत सी फिल्में हैं जिसमें यश चोपड़ा ने लव ट्रायंगल को दिखाया है. वहीं, यश चोपड़ा पर तो यह आरोप भी लगा कि वह एक कैरेक्टर की कुर्बानी को भुनाते थे और दर्शकों की सिंपैथी बंटोरते थे. याद कीजिए फिल्म ‘कभी-कभी’ का वो सीन, जिसमें हीरो-हीरोइन अपने प्यार की कुर्बानी देते हैं. अमिताभ बच्चन और राखी ने मोहब्बत और जुदाई वाली इस खूबसूरत फिल्म में अपना काम बड़े ही शानदार तरीके से किया. इसी तरह ‘दिल तो पागल है’ में निशा अपने प्यार की कुर्बानी देती है.