Haryana Assembly Elections: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है. जैसे-जैसे मतदान का समय करीब आ रहा है नेताओं की सभाएं बढ़ते जा रही हैं. वहीं, राज्य की मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने विशेष रणनीति तैयार कर ली है. हरियाणा का मुस्लिम बहुल जिला नूंह को देश के आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा पिछड़े इलाकों में शामिल किया जाता है. सभी राजनीतिक दलों की नजर नूंह सीट पर बनी हुई है.
अब भी हालात नहीं हुए सामान्य
बता दें कि पिछले साल यहां सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसकी आग अब भी नहीं बुझी है. हालात अब तक पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाए हैं. कांग्रेस ने इस सीट से मौजूदा विधायक आफताब अहमद को एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, BJP ने इस सीट से संजय सिंह को टिकट दिया है.
BJP ने सांप्रदायिक दंगों को दी थी हवा
आफताब अहमद का कहना है कि नूंह हमेशा से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल रहा है. उन्होंने दावा किया कि BJP ने जिले में सांप्रदायिक दंगों को हवा दी थी. उन्होंने कहा कि नूंह जिले के मेवात इलाके में BJP ने कोई काम नहीं किया है. वहीं, BJP उम्मीदवार संजय सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल दोनों ही पार्टियों ने इलाके की अनदेखी की है. आम आदमी पार्टी की भी नजर इस सीट पर बनी हुई है. पार्टी ने इस बार महिला उम्मीदवार राबिया किदवई को टिकट दिया है. AAP ने जनता से पांच वादे भी किए हैं.
मुसलमानों को दिया सबसे ज्यादा टिकट
BJP ने इस बार सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को ज्यादा टिकट दिया है तो कांग्रेस ने मुसलमानों को सबसे ज्यादा टिकट दिया है. हालांकि ओबीसी और एससी को दोनों पार्टियों ने बराबर ही टिकट दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार BJP ने सामान्य वर्ग को 57.8 प्रतिशत तो कांग्रेस कने 54.4 प्रतिशत मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जबकि दोनों ही पार्टियों ने एससी और ओबीसी को 2.2 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट दिया है.
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