Jammu Kashmir Election 2024: कश्मीर में रहने वाले पठान मूल रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान की पश्तून जनजातियों से हैं। गांदरबल और अनंतनाग में कई सालों से रह रहे पश्तो-भाषी पठान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कश्मीरी संस्कृति में शामिल होने के साथ वे वे अपनी विरासत को संरक्षित करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
गांदरबल के गुटलीबाग इलाके में रहने वाले पठानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पानी, परिवहन और उचित सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं भी उनको नसीब नहीं हैं।
इलाके का सरकारी स्कूल भी केवल आठवीं तक है। इस वजह से आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को काफी दूर जाना पड़ता है।पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अच्छी सुविधा न होने की वजह से पढ़ाई के लिए दूर जा पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इस इलाके में रहने वाले पठानों के लिए रोज़गार भी एक बड़ा मुद्दा है।
पठान समुदाय को लगता है कि उनकी परेशानियों को कोई नहीं समझ रहा है। इस वजह से वे चाहते हैं कि उनके इलाके से कोई ऐसा विधायक बने जो उनकी परेशानियों को अच्छे से समझता हो। पठान समुदाय को उम्मीद है कि इस बार उनकी मुराद जरूर पूरी होगी। जिससे उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी संरक्षित रहेगी और उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा।
25 सितंबर को होगी दूसरे फेज की वोटिंग
90 सीट वाली जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए 25 सितंबर को दूसरे फेज की वोटिंग होगी। गांदरबल में भी 25 सितंबर को ही वोट डाले जाएंगे. अंतिम चरण की वोटिंग एक अक्टूबर को होगी जिसके नतीजे आठ अक्टूबर को आएंगे।
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