One Nation One Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली NDA सरकार आने वाले दिनों में एक बड़ा फैसला ले सकती हैं. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि केंद्र की NDA सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) के फॉर्मूले को लागू कर सकती है. पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वन नेशन वन इलेक्शन की जोरदार वकालत की थी. उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा डालते हैं.
सभी दलों को आना होगा एक साथ: PM
लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए राष्ट्र को आगे आना होगा. उन्होंने राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर राजनीतिक दलों से आग्रह किया था कि वे राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करें. उन्होंने दलों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग आम आदमी के लिए हो. हमें वन नेशन वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना होगा. बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन BJP द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है.
क्या है एक राष्ट्र एक चुनाव?
बता दें कि भारत में राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर कराए जाते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराए जाएं. भारत के नागरिक एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए वोट करें. आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे.
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