Onam 2024: साउथ इंडिया के लोगों के लिए ओणम का पर्व खास महत्व रखता है. यह पर्व केरल में पूरे 10 दिनों तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ओणम दानवी राजा बलि के सम्मान में सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन श्री हरि विष्णु और महाबली के पूजन का विधान है. वहीं, कई लोग अच्छी फसल के लिए भी इस महोत्सव को मनाते हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
ओणम को मलयालम भाषा में थिरुवोणम नाम से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व इस साल 06 सितंबर, शुक्रवार से शुरू हो चुका है, जिसकी समाप्ति 15 सितंबर 2024 को होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त 15 सितंबर को सुबह 11:51 से लेकर दोपहर 12:41 मिनट तक रहेगा.
ओणम के 10 दिनों का महत्व
पहला दिन – (अथम) ओणम के पहले दिन लोग जल्दी उठकर पूजा करते हैं. फिर नाश्ते में केले के पापड़ खाते हैं. इसके बाद घर में ओणम पुष्प कालीन बनाए जाते हैं.
दूसरा दिन – (चिथिरा) महिलाएं इस दिन पुष्प कालीन में नए फूल लगाती हैं.
तीसरा दिन – (विसाकम) तीसरे दिन ओणम पर्व के लिए बाजार से खरीदारी की जाती है.
चौथा दिन – (विसाकम) चौथे दिन फूलों से बने कालीन क प्रतियोगिता आयोजित होती है. इसके साथ ही आलू और अचार के चिप्स बनते हैं.
पांचवां दिन – (अनिजाम) पांचवें दिन नौका दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होती है.
छठा दिन – (थिक्रेता) छठे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
सातवां दिन – (मूलम) ओणम के सातवे दिन घरमें टेस्टी डिशेज बनाई जाती हैं.
आठवां दिन – (पूरादम) आठवे दिन मिट्टी से पिरामिड शेप की मूर्तियां बनती हैं, जो मां को दर्शाती हैं.
नौवां दिन – (उथिरादम) ओणम के आठवे दिन राजा महाबलि के लिए घरों को सजाया जाता है.
दसवें दिन – (थिरुवोणम) उत्सव के 10वें दिन पष्प कालीन बनाए जाते हैं.
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