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Gulzar Happy Birthday: गुलजार ने फूल को पहना दी चड्डी

Gulzar Happy Birthday: पलक से पानी गिरता है, गिरने दो, कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी… गुलजार का यह शेर कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह जाता है. उनके 90वें जन्मदिन पर जानते हैं गुलजार के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.

Gulzar Happy Birthday: किसी मझे हुए और हुनरमंद कलाकार की आलोचना करने का मन करे और इसके लिए शब्दों का अकाल पड़ जाए तो यह आलोचक के लिए असहज करने वाली स्थिति होती है. आलोचक में भी यह हुनर होना चाहिए कि वह अपनी लेखनी के जरिये कलाकार के उजले पक्ष के साथ उसके स्याह पक्ष का भी जिक्र करे. यही एक आलोचक की सफलता भी होती है कि वह कलाकार के दोनों पक्षों को सामने ला सके. हम यहां बात कर रहे हैं मशहूर गीतकार, शायर, पटकथा लेखक और निर्देशक संपूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलजार की. ऐसा कलाकार जिसने अपनी कलम से वह रचा जिस पर हर भारतीय नाज कर सकता है.

गुलजार ने फूल को पहना दी चड्डी

बच्चों के मनोविज्ञान पर गहरी पकड़ रखने वाले गुलजार ने ‘किताब’ जैसी फिल्म का निर्माण भी किया है. इस फिल्म में उन्होंने ऐसे बच्चे के मनोवैज्ञानिक पहलू को दर्शाया है, जिसकी परिस्थितियां उसे दर-दर भटकाती हैं. फिल्म की शुरुआत से अंत तक वह बच्चा दया का पात्र होता है. खैर, फिल्म के जरिये उन्होंने बच्चों के मनोविज्ञान को समझने का वह नमूना पेश किया, जिसका आज भी जमाना कायल है. याद कीजिए वह दौर, जब हर भारतीय के घर पर दूरदर्शन बड़े ही चाव से देखा जाता था. उस जमाने के सबसे हिट कार्टून शो जंगल बुक (Jungle Book) का टाइटल सॉन्ग ‘चड्डी पहन के फूल खिला है…’ इस गीत को जिसने भी सुना गुलजार साहब का मुरीद हो गया. बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी यह गाना पसंद आया. इस गाने की लोकप्रियता का आलम यह है कि आज भी लोग इसे उसी चाव से सुनते हैं और शिद्दत से सराहना करते हैं.

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Ayesha

Written by Ayesha

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