Gujarat News: महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन में रामजीभाई बधिया ने अहम भूमिका निभाई थी. अब कई सालों बाद उनकी भूमिका सार्वजनिक तौर पर सामने आई है.रामजी भाई बधिया की पहचान गांधीजी के बुनाई के शिक्षक के तौर पर की जाती थी. उन्होंने खादी के विकास और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके हाथ से काता गया कपड़ा भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया था.
बापू को नहीं पता था चरखे और धागे का संबंध
परपोते दिमंतभाई गढ़िया के मुताबिक रामजीभाई का गांधीजी के प्रति पूरी तरह से समर्पण था. उन्होंने गांधीजी के साथ ऐतिहासिक दांडी मार्च में भी भाग लिया था जिसमें उन्हें 3 महीने की कैद भी हुई थी. रामजी भाई गढ़िया के परपोते धीमंत भाई गढ़िया ने बताया कि मेरे परदादा रामजी भाई बधिया जब साबरमती आश्रम आए थे तो बापू को भी इस बात का पता नहीं था कि चरखे से दागा बनता है. तब मेरे परदादा ने साबरमती आश्रम के अंदर पूरा हथकरघा लगाया, वहां एक पुराना मकान था, जहां खादी बुनाई का काम शुरू किया. बापू जो धोती पहनते थे वो मेरे परदादा और दादी ने उन्हें बनाकर दी थी.
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