Sridevi: कभी ‘रूप की रानी’, कभी ‘चांद के टुकड़े’ की ‘चांदनी’ तो कभी अंगूठी में जड़ा ‘नगीना’ और हिंदी सिनेमा के लिए एक अनमोल तोहफा’…. आज बात उस हसीन अदाकारा के बारे में जिन्होंने ना सिर्फ हिंदी बल्कि तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी बड़ा नाम कमाया. हिंदी सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार कहलाने वाली उस खूबसूरत एक्ट्रेस का नाम था श्रीदेवी. 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड विनर, सालों तक सबसे ज्यादा फीस लेने वालीं एक्ट्रेसेस में से एक श्रीदेवी को भारत सरकार ने पद्म श्री से भी सम्मानित किया. आज भले ही श्रीदेवी इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी याद हमेशा लोगों के दिलों में रहेगी. ऐसे में आज सुपरस्टार श्रीदेवी की बर्थ एनिवर्सरी पर उनकी जिंदगी के कुछ अहम पहलुओं पर एक नजर डालते हैं.
4 साल की उम्र में बनीं एक्ट्रेस
जिस उम्र में लड़कियां गुड्डे-गुड़ियों से खेलती हैं तब श्रीदेवी ने लाइट-कैमरा और एक्शन पर फोकस करना शुरू कर दिया था. साल 1967 में तमिल फिल्म ‘कंधन करुणई’ रिलीज हुई थी जिसमें श्रीदेवी ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 4 साल थी. तमिल फिल्मों में अपनी पहचान बनाने के बाद श्रीदेवी ने ‘रानी मेरा नाम’ से बॉलीवुड में कदम रखा. साल 1972 में रिलीज हुई इस फिल्म ने श्रीदेवी के लिए बॉलीवुड के दरवाजे भी खोल दिए लेकिन अभी तक वह एक बाल कलाकार के रूप में ही काम कर रही थीं. फिर साल 1979 में रिलीज हुई ‘सोलवां सावन’ जिससे श्रीदेवी ने बतौर लीड एक्ट्रेस बॉलीवुड में डेब्यू किया मगर उन्हें पहचान मिली साल 1983 में आई फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से जिसमें उनके साथ जितेन्द्र लीड रोल में थे. इस फिल्म में श्रीदेवी की खूबसूरती और डांस ने हर किसी को अपना दीवाना बनाया. इसके बाद ‘तोहफा’, ‘सदमा’, ‘कर्मा’, ‘नगीना’, ‘मिस्टर इंडिया’ और ‘चालबाज’ जैसी हिट फिल्मों ने श्रीदेवी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. यश चोपड़ा की म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म ‘चांदनी’ ने तो श्रीदेवी को हिंदी सिनेमा की टॉप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में खड़ा कर दिया.
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