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क्यों लोग न्यायिक प्रक्रिया से चाहते हैं समझौता? CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बताई बड़ी वजह

SC 75th Establishment Day: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में लोक अदालतों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए 03 अगस्त को कहा कि लोग अदालतों के मामलों से इतने तंग आ जाते हैं कि वे सिर्फ समाधान चाहते हैं.

SC 75th Establishment Day: सुप्रीम कोर्ट के 75वें स्थापना दिवस पर CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई बार लोग कानूनी प्रकिया से इतने परेशान हो जाते हैं कि किसी भी तरह का सेटलमेंट करके बस कोर्ट से दूर जाना चाहते हैं. ये चिंता का विषय है. लोक अदालतों का मकसद है कि लोगों को इस बात का आभास हो कि जज उनकी जिंदगी से जुड़े हैं.

लोक अदालत के लिए पैनल का किया गया था गठन

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोक अदालतें ऐसे मंच हैं जहां अदालतों में या मुकदमे-पूर्व चरण में लंबित विवादों और मामलों का सही ढंग से निपटारा या समझौता किया जाता है. पारस्परिक रूप से स्वीकृत समझौते के विरुद्ध कोई अपील दायर नहीं की जा सकती. CJI ने कहा कि उन्हें हर चरण में लोक अदालत की स्थापना में बार और बेंच सहित सभी से जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला. चंद्रचूड़ ने कहा कि जब लोक अदालत के लिए पैनल का गठन किया गया था, तो यह सुनिश्चित किया गया था कि प्रत्येक पैनल में दो न्यायाधीश और बार के दो सदस्य होंगे.

75 साल पूरे होने पर सप्ताह भर मनाया गया जश्न

सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए सप्ताह भर चलने वाली विशेष लोक अदालत की शुरुआत उन मामलों में के उद्देश्य से हुई, जिनमें समझौते के तत्व हैं. शीर्ष अदालत ने लंबित मामलों को कम करने के प्रयास में 3 अगस्त तक विशेष लोक अदालत का आयोजन किया.

Ayesha

Written by Ayesha

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