केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के पहाड़ से बहकर आए सैलाब ने हाहाकार मचा दिया है। कुदरत की विनाशलीला देखकर हर कोई सहम गया है। वायनाड में इसे सबसे बड़ी त्रासदी माना जा रहा है। करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव सिर्फ कुछ घंटो में पूरी तरह तबाह हो गए हैं। घर दफन हो गए और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए।
तेज बारिश के बाद लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 243 हो गई हैं। 130 लोग अस्पताल में हैं, जबकि 240 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।
वहीं, इस हादसे की गूंज संसद में भी गूंजी। वायनाड जल प्रलय का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में भी उठाया। उन्होंने कहा कि वायनाड की इकोलॉजिकल परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं, जिसके चलते बार-बार यहां ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
ये मुद्दा उठाकर राहुल गांधी ने सरकार से इस तरफ ध्यान देने और समस्या का कोई तकनीकी निदान निकालने की मांग की है।
राहुल ने कांग्रेस सांसदों के साथ संसद के सेंट्रल हॉल में वायनाड में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति दो मिनट का मौन रखा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने खराब मौसम और सुरक्षा कारणों से वायनाड दौरा रद्द कर दिया है।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में बताया- 23-24 जुलाई को ही केरल सरकार को अलर्ट किया गया था, सरकार समय रहते लोगों को हटाती तो इतना नुकसान नहीं होता।
दूसरी ओर, भारतीय सेना केरल के लैंडस्लाइड प्रभावित इलाके में एनडीआरए, भारतीय वायुसेना, कोस्ट गार्ड, नौसेना और केरल के स्थानी प्रशासन के साथ मिलेकर बचाव कार्य चला रही है। एडीजीपीआई ने ट्वीट कर बताया, एक हजार से ज्यादा प्रभावित लोगों को बचा लिया गया है। राज्य प्रशासन के कंट्रोल रूम के साथ एक कंट्रोल सेंटर भी मेपड्डी में बनाया गया है। सेना के मुताबिक अभी भी बचाव कार्य जारी है। सरकारी स्कूलों के छात्र राहत शिविरों में भूस्खलन से बचे लोगों को भोजन और अन्य आपूर्ति पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
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आपको बता दें कि, लैंडस्लाइड सोमवार देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं। इस आपदा ने 11 साल पहले आई केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं। जो रात में सोया था, उसे उठने तक का मौका नहीं मिला और सुबह मलबे में मिला। चारों तरफ बर्बादी ने इन गांवों की खूबसूरती को उजाड़ दिया है।
हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। 12 जिलों में 30 जुलाई को स्कूल-कॉलेज में छुट्टी घोषित कर दी गई। केरल यूनिवर्सिटी ने 30 और 31 जुलाई को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। नई तारीखों का ऐलान बाद में किया जाएगा।