संघ लोक सेवा आयोग यानि कि (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर एक्शन लेते हुए उनकी अस्थायी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है।
इसके अलावा खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है। खेडकर के तमाम दस्तावेजों की जांच के आधार पर यूपीएससी ने खेडकर को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन करने का दोषी पाया।
ऐसे में, UPSC ने पूजा का सिलेक्शन रद्द कर दिया है। उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से रोक दिया गया है।
सरकार ने एक बयान में कहा -UPSC ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की है और पाया है कि वह CSE-2022 नियमों के प्रावधानों के विपरीत काम करने की दोषी हैं। CSE-2022 के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें UPSC की भविष्य की सभी परीक्षाओं /चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है। –
बता दें कि, 2023 बैच की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर के खिलाफ UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी।
UPSC ने पूजा को नोटिस जारी कर सिलेक्शन कैंसिल करने को लेकर जवाब भी मांगा था। UPSC ने कहा था कि पूजा के खिलाफ जांच में पाया गया कि उन्होंने अपना नाम, माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, फोटो, ईमेल ID, मोबाइल नंबर और एड्रेस बदलकर UPSC का एग्जाम दिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और डिसेबिलिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
गौरतलब है कि, पूजा खेडकर अपने शौक और सुविधाओं के लिए चर्चा में आई थीं। पूजा खेडकर पर आरोप लगाया गया कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं। इसके अलावा उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने का भी आरोप है। बताया गया है कि पूजा खेडकर ने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ के प्लेट लगवाई।
इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सेलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनपर जांच बैठ गई. उनका ट्रांसफर कर दिया गया। माता-पिता पर भी कई आरोप लगे। पूजा की मां का पिस्टल लहराते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था।