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Explainer : क्या है डिजिटल अरेस्ट ? जयपुर सहित कई राज्यों में सामने आ रहे केस, जानिए कैसे बचें

डिजिटल अरेस्ट, साइबर धोखाधड़ी की सीरीज में लेटेस्ट है। इसने लोगों और पुलिस को परेशान कर रखा है। ये साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी, सीबीआई या कस्टम अधिकारी बनकर पीड़ितों को ये भरोसा दिलाते हैं कि वो या उनके रिश्तेदार धोखाधड़ी के आरोप में बहुत ही गंभीर मामले में फंस चुके हैं। ये अपराधी बदले में पैसे ऐंठते हैं।

डिजिटल अरेस्ट 

. साइबर धोखाधड़ी का नया तरीका

. साइबर धोखाधड़ी की सीरीज में सबसे नया

. अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, सीबीआई या कस्टम अधिकारी बताते हैं

. डराकर और दबाव बनाकर पैसा वसूलते हैं

पवन दुग्गल, साइबर लॉ एक्सपर्ट और एडवोकेट के मुताबिक-“डिजिटल अरेस्ट, किसी व्यक्ति को डराना और घबराहट में डालना और उसके बाद, किसी गलत मंशा से उस व्यक्ति से पैसे ऐंठना ताकि वो व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार बन जाए.

अपराधी अक्सर संभावित शिकार को फंसाने के लिए एआई का इस्तेमाल करते हैं। वे एक छोटे से वॉयस सैंपल के जरिए लोगों या उनके रिश्तेदारों की आवाज की नकल करते हैं, फैमिली इमरजेंसी स्कैम रचते हैं और मुश्किल में फंसे परिवार के सदस्यों की नकल करके उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं।

इनके काम करने का तरीका? (header)

. आवाजों की क्लोनिंग के लिए एआई का इस्तेमाल

. अक्सर वॉयस सैंपल क्लोन करते हैं

पवन दुग्गल, साइबर लॉ एक्सपर्ट और एडवोकेट के मुताबिक-“मुझे लगता है कि जहां तक ​​साइबर अपराध का सवाल है, एआई अब एक बड़ा बदलाव लाने वाली भूमिका निभाना शुरू कर रहा है। एआई साइबर अपराधियों के लिए भगवान की तरफ से भेजा गया तोहफा हैै, क्योंकि एआई का इस्तेमाल अब कई साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा सकता है, ताकि लोगों को अलग-अलग तरह के साइबर अपराधों का शिकार और निशाना बनाया जा सके। इसलिए इनमें से कई मामलों में अब हम ये देखना शुरू कर रहे हैं कि कैसे एआई का इस्तेमाल डिजिटल फेक, डीप फेक और सभी तरह की गलत जानकारी के लिए किया जा रहा है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी और अप्रैल 2024 के बीच, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर सात लाख 40 हजार से ज्यादा डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें दर्ज की गईं। 2021-2023 से साइबर अपराध की शिकायतों में 113.7% और 2022-2023 से 60.9% की बढ़ोतरी हुई। मई 2024 में हर दिन औसतन 7,000 मामले सामने आए। घोटालेबाज बड़ी रकम की मांग करते हैं, नकली पुलिस सेटअप का इस्तेमाल करते हैं और पीड़ितों को मांग पूरी होने तक ऑनलाइन रहने के लिए मजबूर करते हैं।

कितनी शिकायतें दर्ज की गईं? 
. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7,40,000 डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें दर्ज

.मई 2024 में हर दिन औसतन 7000 शिकायतें दर्ज

.2021 से 2023 तक शिकायतों में 113.7% की बढ़ोतरी

.2022 से 2023 तक 60.9% की बढ़ोतरी

. घोटालेबाज पुलिस स्टेशनों, सरकारी ऑफिसों की तर्ज पर बने स्टूडियो का इस्तेमाल करते हैं

हेमंत तिवारी, डीसीपी आईएफएससीओ, दिल्ली का कहना है…”जो डिजिटिल अरेस्ट होते हैं, तो इसमें मोटे-मोटे, हमारे सिंगल विक्टिम, हमारे एवरेज विक्टिम का कॉस्ट करीब ढाई करोड़, तीन करोड़ है एवरेज विक्टिम का कॉस्ट। तो इस साल बहुत ज्यादा है, ये इनवेस्टमेंट फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, ये अक्टूबर-नवंबर से स्टार्ट हुआ है और अभी फुल फ्लो में है।”

“हमने अभी तक इस साल अराउंड 180 अरेस्ट किए हैं, लेकिन इन केसेस की आपको एक क्रोनोलॉजी समझने की, क्रोनोलॉजी तो नहीं जो इनका टेक्निकल वो है, इसमें अलग-अलग वर्टिकल हैं। दिस इज गोइंग ऑन लाइक ए प्रॉपर इंडस्ट्री, ये रेंडम नहीं हैं।”

 

Bebak News Live

Written by Bebak News Live

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