28 July, 2024
Explainer: साइबर धोखाधड़ी की सीरीज में डिजिटल अरेस्ट बिल्कुल नया है. इन दिनों इससे लोग और पुलिस दोनों बहुत परेशान हैं. डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी, CBI या कस्टम अधिकारी बनकर पीड़ितों को यह भरोसा दिलाते हैं कि वो या उनके रिश्तेदार धोखाधड़ी के आरोप में बहुत ही गंभीर मामले में फंस चुके हैं. ये अपराधी बदले में पैसे ऐंठते हैं.
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ?
साइबर लॉ एक्सपर्ट और एडवोकेट पवन दुग्गल का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को डराकर घबराहट में डाला जाता है. इसके बाद उस व्यक्ति से गलत मंशा से पैसे ऐंठे जाते हैं जिससे वो व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार बन जाए. अपराधी अक्सर संभावित शिकार को फंसाने के लिए AI का इस्तेमाल करते हैं. वे एक छोटे से वॉयस सैंपल के जरिए लोगों या उनके रिश्तेदारों की आवाज की नकल करते हैं, फैमिली इमरजेंसी स्कैम रचते हैं और मुश्किल में फंसे परिवार के सदस्यों की नकल करके उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं.